वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने खोला बजट पिटारा , सभी वर्गो को खुश करने की कोशिश
बजट को लेकर विरोधियों के हुए तीखे तेवर , सत्तापक्ष ने कहा विरोध करना विपक्ष की मजबूरी
कृष्ण मिश्र ” गौतम”
देश की आर्थिक प्रगति में समावेशी विकास को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए विशेष 7 प्राथमिकताएं हैं , जिनके आधार पर सभी को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया । जिनमे बुनियादी ढांचा और निवेश, कृषि क्षेत्र को डिजिटलीकरण से जोड़ना , क्षमता को उजागर करना, हरी वृद्धि , युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र के आधार पर ही सर्वसमावेशी बजट 2023 पेश किया गया ।
सरकार का आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोजगार सृजन को तेज़ गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मज़बूत करने पर केंद्रित है । प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई । 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव का एलान किया । वित्त मंत्री ने राहत देते हुए एलान किया कि अब 7 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। बता दें पहले यह सीमा पांच लाख रुपये की थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार तीन करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले माइक्रो उद्योग को कर में छूट दी जाएगी। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख किया गया। बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है। यह 2013-14 में दिए गए आवंटन से नौ गुना ज्यादा है। खाद्यान्न और बंदरगाहों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है। 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एयरोड्रोम का नवीनीकरण किया जाएगा ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सके। किसानों के लिए सहकार से समृद्धि प्रोग्राम चलाया जाएगा. इसके जरिए 63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा। इससे किसानों को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ऐलान किया गया है कि पशुपालन, मछीपालन के क्षेत्र में कर्ज देने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और मल्टीपर्पज कोरपोरेट सोसायटी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना की शुरुआत करने का फैसला भी किया है। वहीं, सरकार ने डिजिटल तकनीकी से खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताया कि किसानों की सहायता के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाएंगे। यहां से किसानों को खेती संबंधित प्लानिंग, लोन, इंश्योरेंस और फसलों के उत्पादन को किस तरह से बढ़ाया जाए, इस पर जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही किसान इस डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से बाजार में अपनी फसल को अच्छी कीमत पर कैसे बेच पाएं, उसके बारे में भी उन्हें यहां से सहायता मिलेगी। बजट 2023 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए बेहतर फंड मुहैया कराएगी। सरकार ग्रामीण इलाकों के नौजवान एंटरप्रेन्योर्स को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद करेगी। सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए जो फंड देगी उसकी मदद से किसानों की रोजमर्रा की समस्याओं को सॉल्व किया जाएगा। इस फंड की मदद से एग्री टेक-इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। बजट 2023 में कॉटन की फसल पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. सरकार ने कहा है कि वह एक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप तैयार करेगी, जिसकी मदद से इसके उत्पादन और व्यापार में किसानों को मुनाफा होगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का मतलब है कि यह एक तरह का संबंध होगा जो किसान, राज्य सरकार और इंडस्ट्री के बीच स्थापित होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम का जिक्र किया और उन्होंने उसके लिए 2200 करोड़ रुपए देने की घोषणा की. क्लीन प्लांट प्रोग्राम का मतलब खेतों में ऐसी फसल लगाई जाए जो रोग मुक्त हो और जिनके पौधों से हाई वैल्यू वाले क्वालिटी अनाज का उत्पादन हो।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मिलेट का एक्सपोर्टर है। हम कई तरह के ‘श्री अन्न का उत्पादन करते हैं. इनमें ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनि, कुटकी, कोडो, छीना और सामा है। यह सभी मोटे अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। किसान लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में श्री अन्न का उत्पादन करके मदद कर रहे हैं। भारत को श्री अन्न के मामले में ग्लोबल हब बनाने में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद का बहुत बड़ा सहयोग रहेगा. यह संस्थान इंटरनेशनल लेवल पर मिलेट्स से संबंधित रिसर्च टेक्नोलॉजी और इसके बेहतर उत्पादन के तरीकों को बताता रहा है।
बजट 2023 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मछली पालन का काम करने वाले किसानों को ‘पीएम मत्स्य संपदा योजना’ के तहत लाभ देने की घोषणा की. इसके तहत 6000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई, जो मछली पालन और मछली बेचने का काम करने वाले छोटे छोटे व्यापारियों की मदद के लिए उपयोग होगा। भारत सरकार मछली पालन के क्षेत्र को इंटरनेशनल लेवल पर एक्सपेंड करना चाहती है। छोटे किसानों के लिए सरकार सहकारिता बेस्ड इकोनामिक सिस्टम डेवलप करना चाहती है. इन किसानों की मदद करने के लिए सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ योजना चलाएगी। इसके लिए सरकार ने 2516 करोड़ रुपए खर्च करके 63000 एग्री सोसाइटी को कंप्यूटराइज किया है।
नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी. यह काम आने वाले 3 सालों में किया जाएगा। वहीं 10000 बायो इनपुट रिसर्च सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे। प्राकृतिक खेती के लिए माइक्रो फर्टिलाइजर पर जोर दिया जाएगा और इसके साथ ही मैन ग्रोन प्लांटेशन पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। बजट 2023 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए बेहतर फंड मुहैया कराएगी। सरकार ग्रामीण इलाकों के नौजवान एंटरप्रेन्योर्स को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद करेगी। सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए जो फंड देगी उसकी मदद से किसानों की रोजमर्रा की समस्याओं को सॉल्व किया जाएगा। इस फंड की मदद से एग्री टेक-इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। बजट 2023 में कॉटन की फसल पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। सरकार ने कहा है कि वह एक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप तैयार करेगी, जिसकी मदद से इसके उत्पादन और व्यापार में किसानों को मुनाफा होगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का मतलब है कि एक तरह का संबंध होगा जो किसान, राज्य सरकार और इंडस्ट्री के बीच स्थापित होगा।