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सरकार की मंशा “भविष्य के लिए बचत न करें, आज ही कमाएं और खर्च करें”-  सीए कार्तिक जोशी, Government’s intention is “Don’t save for future, earn and spend today”- CA Karthik Joshi

कृष्ण मिश्र ” गौतम “
स्टार मीडिया न्यूज , गुजरात। केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जनता को ध्यान में रखते हुए और आने वाले चुनावों में वोटों के लिए प्रावधान करते हुए नई आयकर व्यवस्था में आकर्षक प्रोत्साहन और छूट की घोषणा की है। केंद्रीय आम बजट पर सीए कार्तिक जोशी के अनुसार आम आदमी को पैसे की आमदनी और बचत के रूप में क्या मिलेगा ???
   बजट की बारीकियों के बारे में विस्तृत से समझाते हुए कार्तिक जोशी बताते हैं की सरकार का इरादा भारत के नागरिक को केवल खर्च करना चाहिए बचत नहीं, अप्रत्यक्ष रूप से सरकार आपके खर्च पर जीएसटी के माध्यम से कमाई करेगी  तो यह सरकार के लिए जीत की स्थिति में है। लेकिन इस नई योजना का बीमा क्षेत्र, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड निवेश पर बड़े पैमाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
 विस्तार में बजट से अमूमन आम आदमी के घर कितना पैसा आएगा और जाएगा , इसी पर फोकस होता है। इस पर बेबाकी  से अपनी राय रखते हुए बताते हैं की  नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट साबित होगी , कर व्यवस्था का मतलब है कि सरकार की स्पष्ट मानसिकता है, “भविष्य के लिए बचत न करें, आज ही कमाएं और खर्च करें”
यह नए युवाओं को सबसे अधिक प्रभावित करेगा क्योंकि उनमें खर्च करने की प्रवृत्ति होती है और यह नई व्यवस्था उन्हें बढ़ावा देगी। नई कर व्यवस्था के अनुसार कर गणना के दौरान किसी  निवेश/कटौती लाभ की अनुमति नहीं है।  जैसे U/ S 80 सी- एलआईसी, गृह ऋण चुकौती, पीपीएफ, ट्यूशन फीस, म्युचुअल फंड टैक्स बचत (ईएलएसएस), U/S 80डी मेडिक्लेम , गृह ऋण पर धारा 24डी ब्याज के तहत U/S  80सीसीडी ,एनपीएस  इत्यादि में । लेकिन नई कर व्यवस्था ने धारा 16(ia) के तहत मानक कटौती और धारा 80CCH के तहत कटौती (यानी अग्नि वीर कॉर्पस फंड में जमा राशि) की अनुमति दी है।
नई कर व्यवस्था के तहत रुपये 3 लाख की आय तक कोई कर नहीं
3 लाख से 6 लाख तक इनकम टैक्स 5%, 6 लाख से 9 लाख तक इनकम टैक्स 10%,  9 लाख से 12 लाख तक इनकम टैक्स 15%,  12 लाख से 15 लाख तक इनकम टैक्स 20%, 15 लाख से ऊपर 30%।
 नई कर व्यवस्था के लिए PY टैक्स स्लैब की तुलना में, हम देख सकते हैं कि पहले टैक्स स्लैब था। जबकि  पिछले वर्ष  के तहत नई कर व्यवस्था में 2.5 लाख  रुपये की आय तक कोई कर नहीं था।
 2.5 लाख से 5 लाख तक इनकम टैक्स 5%,
 5 लाख से 7.5 लाख तक इनकम टैक्स 10%,
 7.5 लाख से 10 लाख तक इनकम टैक्स 15%,
 10 लाख से 12.5 लाख तक इनकम टैक्स 20%,
 12.5 लाख से 15 लाख तक इनकम टैक्स 25%,
 15 लाख से ऊपर 30%।
 पुरानी कर व्यवस्था पिछले वित्तीय वर्ष के अनुसार ही जारी है
 इस बजट में 87 ए के तहत छूट पुरानी कर व्यवस्था के तहत यदि कुल आय 5 लाख से अधिक नहीं है तो 12,500/- कर की छूट की अनुमति थी।  मतलब अगर आय 5 लाख रुपये से अधिक  आय नहीं है तो कोई कर नहीं देना पड़ेगा। इस छूट को नई कर व्यवस्था में भी विस्तारित किया गया है।  नई कर व्यवस्था के अनुसार यदि कुल आय 7 लाख  रुपये से अधिक नहीं है तो 25,000/- कर बचत  होगी।  यानी अगर नई कर व्यवस्था में कुल आय 7 लाख से अधिक नहीं है, तो कोई कर नहीं देना होगा।
  आगे प्रकल्पित  सीमा को धारा 44AD के तहत 3cr तक बढ़ा दिया गया है।  इसका मतलब यह है कि यदि व्यवसाय में उसका कारोबार 3 करोड़ तक है, तो वह प्रकल्पित कराधान योजना का विकल्प चुन सकता है।
 प्रकल्पित कराधान का मतलब है कि सरकार को भुगतान किए जाने वाले टर्नओवर के 8% पर कर देना होगा। प्रोफेशनल्स यानी 44ADA के मामले में यह सीमा पिछले साल के 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दी गई है।
इस बारे में अपना पक्ष रखने वाले सीए कार्तिक जोशी और उनकी धर्मपत्नी नीरजा जोशी जी कृष्ण & एसोसिएट के संस्थापक हैं।

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