ब्राह्म्ण धर्म की रक्षा करने वाला — अश्विनी वैष्णव
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो ,
राजस्थान। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जाट महासम्मेलन के बाद राजधानी में ब्राह्मण महापंचायत जुटी। यहां विद्याधर नगर में ब्राह्मणों ने एकजुट होकर कई मुदृदों को लेकर शंखनाद किया। समाज को आगे ले जाने पर बात हुई। महापंचायत में प्रदेश के संत—महंतों के साथ काशी, मथुरा, उज्जैन सहित देशभर के संत—महंत शामिल हुए। मंच पर संत—महंत विराजमान रहे, नेताओं को नीचे स्थान मिला। इसमें लाखों की संख्या में विप्र समाज के लोग जुटे। शहर में पुष्प वर्षा की गई।
ब्राह्मण महापंचायत की शुरुआत मंत्रोच्चारण के बीच वैदिक परंपरा के साथ हुई। इसमें परशुराम का डाक टिकट जारी किया गया। वहीं हिन्दू रिलीजन एक्ट बनाने की बात हुई। वक्ताओं ने हिंदू मंदिरों पर हिंदुओं के अधिकार की बात की। मंदिरों के पुजारियों को सम्मानजनक भत्ता और ईडब्ल्यूएस आरक्षण को 10 से 14 प्रतिशत करने के साथ आरक्षण को पंचायतीराज में लागू करने की मांग उठाई गई।
इस महापंचायत में ब्राह्मण सीएम की मांग उठी। कांग्रेस-बीजेपी से 30-30 टिकट बाह्मण समाज को देने की मांग की गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत कई नेताओं ने संबोधित किया। महापंचायत में देशभर के ब्राह्मण समाज के लोग शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे।
महापंचायत में कई समाजों के नेता जुटे। ब्राह्मण समाज के जनप्रतिनिधियों के अलावा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, गोलमा देवी सहित कई समाजों के नेता महापंचायत में पहुंचे। आयोजकों के अनुसार महापंचायत में चिंतन और मनन करके समाज के भविष्य की योजनाओं पर निर्णय किया गया।
अश्विनी वैष्णव बोले- भगवान परशुराम पर डाक टिकट जारी होना आपकी एकता का प्रतीक:-
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो एकता आपने दिखाई, इस एकता को ऐसा ही हमेशा बनाए रखना। आज ऐतिहासिक काम यह हुआ है कि भगवान परशुराम पर डाक टिकट जारी हुआ है, यह सब आप की एकता का परिणाम है।
हमारी यह एकता राष्ट्र के निर्माण में और अधर्म को दूर करने में लगेगी। आप लोग धर्म को धारण करने वाले हो, आप धर्म की रक्षा करने वाले हो। परशुरामजी ने भगवान शिव से विराट तपस्या के बाद धर्म की रक्षा के लिए फरसा प्राप्त किया था। सब में यही ऊर्जा और एकता रहनी चाहिए।
विप्र सेना के सुनील तिवारी ने बताया की महापंचायत में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के आगमन का कार्यक्रम तय था , लेकिन किसी विशेष प्रयोजन के कारण उनकी उपस्थिति नहीं हो सकी। आयोजकों ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समाज को एक सूत्र में बांधने के इस प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा की है , तथा अपना आशीर्वाद दिया है।