बड़े अधिकारियों के शह के बिना नहीं इस तरह का कांड असंभव , क्या गिरेगी गाज,
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड जिला। देश के सभी राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा बिजली निर्माण करने वाला प्रदेश गुजरात इन दिनों चर्चा में है। जहां राज्य के ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई वलसाड जिला को अव्वल बनाने में शक्ति लगा रहे हैं, वहीं अधिकारी अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए घोटालों में संलिप्त है। ताजा मामला राज्य के ऊर्जा मंत्री के स्थानीय क्षेत्र पारडी विधानसभा के अंतर्गत वापी क्षेत्र का है , जहां डीजीवीसीएल के अधिकारियों द्वारा किए गए कृत्य से पूरा विभाग शर्मसार हुआ है।
जहां राज्य में बिजली विभाग इस समय इलेक्ट्रॉनिक मीटरों की माथापच्ची से परेशान है, वहीं वलसाड जिला का सरकारी बिजली विभाग एक घोटाले में फंस गया है, वापी के बलीथा में डीजीवीसीएल के कार्यालय से ट्रांसफार्मर चोरी का एक रैकेट सामने आया है।
इस मामले में बिजली ट्रांसफार्मर से भरे 3 टेम्पों चालक और डीजीवीसीएल के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है और वापी बलीथा डीजीवीसीएल कार्यालय परिसर में चल रहे ट्रांसफार्मर चोरी के रैकेट की जड़ तक पहुंचने के लिए पुलिस जांच कर रही है और लचर प्रशासन का सबूत दे रहे हैं?
वलसाड जिला के वापी में डीजीवीसीएल का कार्यालय है यहां से वापी के ग्रामीण इलाकों और वापी के बाहरी इलाकों के गांवों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। विभाग के उच्च अधिकारियों का कार्यालय भी इसी परिसर में स्थित है। साथ ही इस डिवीजन में बिजली ट्रांसफार्मर समेत अन्य कीमती उपकरण भी इसी परिसर में रखे हुए हैं। जहां लाखों रुपए के ट्रांसफार्मर खुले में रखे हुए हैं। इस परिसर से सामान बाहर ले जाने और बाहर से अंदर लाने के लिए गेट पास की आवश्यकता होती है। वहां से बिना किसी गेट पास के 3 ट्रांसफार्मर निकल जाते हैं, किसी को कानों कान खबर भी नहीं , यह बात विश्वास से परे है।
मिली सूचना के अनुसार बरुमल के पास पूरी गति से गुजर रहे डीजीवीसीएव के टेंपो को वलसाड के धरमपुर में गश्ती टीम ने टेम्पो को रोक कर जांच की । इस टेंपो में तीन ट्रांसफार्मर लदे हुए थे और चालक से बिल गेट पास और टेम्पो में लदे बिजली ट्रांसफार्मर के साक्ष्य मांगे गए जो कि पेश नहीं कर पाए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए ,उच्च अधिकारियों को सूचित किया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि टेम्पो में भरे बिजली ट्रांसफार्मर वापी के बलीथा स्थित कार्यालय से चोरी हुए थे, इसलिए संबंधित अधिकारियों ने इस मामले में वापी टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और वापी टाउन पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया ।आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वापी टाउन पुलिस ने गहन जांच की जिसमें पुलिस को ट्रांसफार्मर चोरी के अपराध में इस कंपनी के कर्मचारियों की ही संलिप्तता मिली, जिसमें सहायक लाइनमैन हरीशकुमार गजानंदभाई पटेल, जो प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे बलीथा डीजीवीसीएल के कार्यालय में, अधिकारियों या पावर ट्रांसफार्मर की अनुमति के बिना, आवश्यक सहायक साक्ष्य या गेट पास के बिना कार्यालय से तीन बिजली ट्रांसफार्मर लोड किए गए थे। हरीश पटेल के साथ-साथ डीजीवीसीएल कार्यालय में कार्यरत जयदीप वजुभाई भातू और एक टेम्पो चालक शरद हरि गांगुडे को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि ये ट्रांसफार्मर बलीथा पावर कंपनी से चुराए गए थे और इन्हें मनोज पाटिल नाम के व्यक्ति को दिया जाना था इसलिए पुलिस ने पावर ट्रांसफार्मर का ऑर्डर देने वाले मनोज पाटिल को भी आरोपी बना लिया है और उसे वांछित घोषित कर दिया । यहां बड़ा सवाल है कि जिस कार्यालय में विभाग के बड़े बड़े अधिकारी बैठते हैं, उनके नाक के नीचे बिजली उपकरण चोरी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कार्यालय कर्मियों की मिलीभगत से कार्यालय परिसर से लाखों का ट्रांसफार्मर गायब कर दिया गया। इस बात पर यकीन करना बेहद मुश्किल है कि बिना किसी बड़े अधिकारी के शह बिना इतना बड़ा और महंगा ट्रांसफार्मर चोरी हो सकता है ? अगर पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करेगी तो बिजली ट्रांसफार्मर चोरी के गोरखधंधे में कार्यालय के ही कुछ उच्च पदस्थ अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आये यह संभव है।