राज्य भर में साइबर अपराध के भोग बने 28000 बैंक खाते को अनफ्रीज किया गया:-
मध्यम वर्ग के लोगों की तकलीफ़ों को कम करने के लिए गुजरात पुलिस का सराहनीय प्रयास:-
श्यामजी मिश्रा
वलसाड जिला। राज्य के पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार वलसाड जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में साइबर क्राइम के संबंध में जनता में जागरूकता पैदा की जा सके, इस संदर्भ में जिला पुलिस अधीक्षक डॉ करणराज वाघेला द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया। जिसमें वलसाड जिला की जनता को साइबर अपराध जांच एवं राहत के प्रयासों में साइबर अपराध के भोग बने 28000 बैंक खातों को फ्रीज किया गया, इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश एवं जानकारी दी गई। गुजरात पुलिस ने साइबर अपराध के शिकार हजारों मध्यम वर्ग के पीड़ितों की पीड़ा को कम करने के लिए एक बड़ा प्रयास किया गया है। गलत तरीके से भुगतान स्वीकार कर धोखाधड़ी का शिकार हुए या अनजाने में ऐसी चालों में जो फंस गए थे ऐसे पीड़ितों के 28,000 बैंक खातों को अनफ्रीज किया गया है।
गुजरात पुलिस ने साइबर अपराध के शिकार हुए रुके हुए पैसों में से वर्ष 2024 में कुल 53.24 करोड़ रुपये लौटाए हैं। साइबर अपराध की शिकायत के आधार पर, जिस किसी को भी लगता है कि उनका खाता गलती से फ़्रीज़ कर दिया गया है, उन्हें साइबर अपराध में शामिल न होने को दर्शाने वाले उचित सबूत के साथ आगे आना चाहिए और मामले-दर-मामले की समीक्षा के बाद खाता फ़्रीज़ कर दिया जाएगा।
गुजरात पुलिस ने खाता फ्रीज करने की अपनी नीति में संशोधन किया है। अब पूरे खाते के बजाय धोखाधड़ी में शामिल विशेष रकम ही फ्रीज की जाएगी। वलसाड साइबर अपराध से पीड़ित याचिकाकर्ता को अब तक कुल एक करोड़ तीस लाख रुपये (1,30,00,000/-) वापस किये जा चुके हैं। कोर्ट के माध्यम से एक करोड़ बीस लाख (1,20,00,000) रुपये और देने का आदेश दिया गया है, जिसे वापस लेने की प्रक्रिया अभी चल रही है। जिला पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता में कहा कि साइबर क्राइम से पीड़ित लोग तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर संपर्क करें। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला साइबर क्राइम पीआई एमएन बुबडिया और प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मी उपस्थित थे।