स्टार मीडिया न्यूज
वलसाड जिला। गांधी ग्रामजीवन पदयात्रा 2007 में गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद द्वारा शुरू की गई थी, जिसकी स्थापना 1920 में महात्मा गांधी ने की थी। गुजरात विद्यापीठ के कुलाधिपति एवं गुजरात राज्य के राज्यपाल एवं प्राकृतिक कृषि के समर्थक आचार्य देवव्रतजी के मार्गदर्शन में इस वर्ष छह दिवसीय पदयात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यापीठ के लक्ष्यों एवं महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रमों को शामिल किया गया। 1843 में पद यात्रियों की 151 टुकड़ियों द्वारा गुजरात के लगभग 1800 गांवों को कवर करने की योजना बनाई गई है। दुनिया का पहला और एकमात्र गुजरात प्राकृतिक कृषि विश्वविद्यालय हालोल द्वारा संसोधन, शिक्षण व विस्तार कार्य सार्वजनिक भागीदारी के साथ सरकार के विभिन्न विभागों का संकलन कर कार्य किया गया है। जिसके परिणामस्वरूप, गुजरात में लगभग 10 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती शुरू की है। वलसाड जिला में गुजरात विद्यापीठ के विभिन्न विषयों में पीएच.डी. करने वाले पद यात्रियों की टुकड़ी के साथ गुजरात प्राकृतिक कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि डॉ. काणुभाई डांगर ने भाग लिया। वहीं पद यात्री टीम के साथ चनवई गांव में प्राकृतिक कृषि संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया और गांव के किसानों से बातचीत की गई। जिसमें वर्तमान स्थिति एवं धरती माता एवं मानव स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों, प्राकृतिक खेती के पांच मुख्य आयाम, फसल सुरक्षा उपायों के संबंध में बैठकें, रैलियां, प्रदर्शन एवं सभा जैसी गतिविधियां आयोजित की गईं।