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वलसाड जिला-तालुका के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई की उपस्थिति में आयोजित किया गया. 

वलसाड जिला-तालुका के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई की उपस्थिति में आयोजित किया गया.
 सहानुभूति के बिना कोई शिक्षक नहीं बन सकता – वित्त मंत्री कनुभाई देसाई
11 श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ ही 8 अनुदानित विद्यालयों तथा बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 15 प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया.
वलसाड. जीवन में इस तरह सम्मानित होना किसी भी पुरुष के लिए प्रेरणादायी कहा जाता है. हमारे द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना करने से व्यक्ति को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. बिना सहानुभूति के कोई शिक्षक नहीं हो सकता. एक नए भारत का निर्माण तभी संभव है जब शिक्षा को नौकरी के रूप में नहीं बल्कि एक मेधावी सेवा के रूप में देखा जाए. शिक्षक दिवस के अवसर पर वलसाड जिला और तालुका स्तर के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह-2022 के अवसर पर राज्य के वित्त, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल राज्य मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने वलसाड में सरस्वती इंटरनेशनल स्कूल में कहा.
मंत्री श्री देसाई ने शिक्षा के महत्व को समझाया और गुजरात द्वारा शुरू की गई पहल के बारे में आगे कहा कि नरेंद्र भाई मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद गुजरात सरकार ने सबसे पहले शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और स्कूल प्रवेश उत्सव शुरू किया ताकि एक शिक्षित समाज राष्ट्र का निर्माण कर सके. जिससे एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. इसलिए हर स्कूल ने गुणोत्सव भी शुरू किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि हर अधिकारी-पदाधिकारी, नेता और प्रशासनिक व्यवस्था कैसी है और उसके बाद उन्हें किस तरह की शिक्षा मिलती है. देश का पहला समीक्षा केंद्र गुजरात में स्थापित किया गया था, जिसमें राज्य के हर स्कूल को पता चल सकता है कि काम कैसे चल रहा है, शिक्षा कैसे चल रही है, छात्रों की उपस्थिति कितनी है, कितने शिक्षक आ रहे हैं. जो इंटरनेट कनेक्शन द्वारा संचालित समीक्षा केंद्र द्वारा जान सकते हैं. गुजरात के दौरे पर प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का दौरा किया था. यह सब दिखाता है कि हमारा देश शिक्षा के लिए कितना चिंतित है. शिक्षकों को लगातार अपडेट रहना चाहिए और नए आयाम लेने चाहिए. हम सभी को आजीवन शिक्षार्थी रहना चाहिए. जीवन के हर पड़ाव पर कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है. कोरोना काल में आदिवासी क्षेत्रों में ऑनलाइन सीखने के लिए इंटरनेट की सुविधा नहीं थी. छात्रों की इस समस्या को जानते हुए करीब 500 मोबाइल टावर लगाने की योजना बनाई गई है. आदिवासी छात्रों को डॉक्टर बनने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं में आगे रहने के लिए गांधीनगर में कक्षाएं शुरू की गई हैं.
समारोह में जिला स्तरीय 4 शिक्षकों को प्रमाण पत्र, शॉल व 15000 रूपये का चेक तथा तालुका स्तर पर 7 श्रेष्ठ शिक्षकों को प्रमाण पत्र, शॉल और 5000 रूपये का चेक देकर सम्मानित किया गया. जबकि उनके विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. जिले में 33 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त किया, जिनमें से 8 स्वीकृत विद्यालयों के प्राचार्यों और न्यासियों को भी सम्मानित किया गया. इसके अलावा जिले के विभिन्न स्कूलों के 15 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया.
जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अलकाबेन शाह ने चाणक्य के बयान का हवाला देते हुए कहा कि एक शिक्षक कभी सामान्य नहीं होता, जीवन में शिक्षक का महत्व माता-पिता से ज्यादा होता है. माता-पिता जन्म देते हैं लेकिन शिक्षक शाब्दिक ज्ञान देता है और अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है और बच्चों को उनके समग्र विकास के लिए ज्ञान के मार्ग पर ले जाता है. सड़क और शिक्षक दोनों एक ही हैं, दोनों ही मंजिल तक पहुंचने का काम करते हैं.
वलसाड सांसद डॉ. केसी पटेल ने सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं. केसी पटेल ने कहा कि देश को अलग दिखाने में शिक्षकों का योगदान अहम है. कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार करने में मिली सफलता का श्रेय शिक्षकों को है. एक शिक्षक 100 माताओं से बेहतर है.
वहीं सामाजिक विकास में शिक्षकों का महत्व को बताते हुए उमरगाम विधायक श्री रमनलाल पाटकर ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने से हमें सफलता मिलती है, कोई कलेक्टर, कोई विधायक, कोई मंत्री बनता है. गुरु के बिना मोक्ष संभव नहीं है. बच्चों की शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी एक पौधे की बेल को जितना चढ़ाओ उतना चढ़े, ऐसे ही बालकों का बढ़ना भी महत्वपूर्ण है. समाज सुधारक के रूप में गुरु की विशेष जिम्मेदारी होती है. नरेंद्रभाई के मुख्यमंत्री बनने के बाद काम का शेड्यूल बदल गया है. उन्होंने एक कार्यकर्ता और एक कर्मयोगी के बीच का अंतर समझाया है. आदिवासी वर्ग में पिछले 5 वर्षों में जो आरक्षित सीटें नहीं भरी गई थीं, वे अब भरी जा रही हैं. जो शिक्षा के प्रति जागरूकता को दर्शाता है. वलसाड विधायक श्री भरतभाई पटेल ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों और प्रतिभाशाली छात्रों को बधाई दी.
जिला कलेक्टर क्षिप्रा आग्रे ने अपने एक प्रेरणादायक भाषण में कहा कि जैसे हमारे बच्चे एक ही बात हमसे लगभग 50 बार पूछते हैं, इसी तरह दर वर्ष जब छात्र शिक्षक से विभिन्न गतिविधियों और पाठ्यक्रम के बारे में पूछते हैं, तो शिक्षक बिना थके प्यार से समझाता है. विद्यार्थी तो पढ़कर ही आगे बढ़ते हैं लेकिन शिक्षक वहीं रहता है, इसलिए आज हमें शिक्षकों को विशेष बधाई देनी है. उन्होंने अपने शिक्षकों को भी धन्यवाद दिया.
इस अवसर पर वलसाड नगर पालिका की अध्यक्षा श्रीमती किन्नारीबेन पटेल, सरस्वती इंटरनेशनल स्कूल के अध्यक्ष श्री गिरीशभाई पंड्या सहित विभिन्न शिक्षा संघों के प्रमुख उपस्थित थे. स्वागत भाषण जिला शिक्षा अधिकारी केएफ वसावा ने दिया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी बीडी बारीया ने किया. जबकि पूरे कार्यक्रम का संचालन उन्नतिबेन देसाई और स्मृतिबेन देसाई ने किया.

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