विधानसभा में नारा लगाकर वेल तक पहुंचने वाले कांग्रेस के 10 विधायकों को एक दिन के लिए सस्पेंड किया गया।
गुजरात में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। वहीं आज से दो दिन के कम समय में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। यह सत्र मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के लिए नया सत्र है। जबकि अब आम चुनाव बाद ही बनने वाली सरकार को सत्र मिलेगी। परंतु आज से शुरू हुए विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने सरकार को जबरदस्त घेरी थी। जबकि कांग्रेस के विधायक गृह के वेल में घुस आये थे और नारा लगाते हुए सरकार का विरोध किया। और विरोध करने वाले विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया। सत्र शुरू होने के पहले ही कांग्रेस ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। गृह में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायकों में जिग्नेश मेवाणी, कनु बारैया, गेनी ठाकोर, प्रताप दुधात, विजयभाई, अमरीश डेर, बाबु वाजा, पूना गामित, चंदन जी ठाकोर, नौशाद सोलंकी को सस्पेंड कर दिया गया।
जबकि वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों से विनती करते हुए कहा कि गृह की गरिमा को जाने और गृह की कार्रवाई आगे चलने दें, आप सब सीनियर सदस्य हैं और लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप सब लोकशाही के नियम के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। गृह के अंदर प्रदर्शन और धरना करना योग्य नहीं है। वहीं कांग्रेस के अमित चावड़ा ने सरकार पर प्रश्न करते हुए कहा कि लोगों की प्रश्नों की चर्चा करने से भागते हैं। राज्य में 15 लाख से अधिक कर्मचारियों रोड पर आ गए हैं। उनके प्रश्नों की चर्चा करने की मांग कांग्रेस ने की थी तो उसके लिए समय नहीं दिया। वहीं गुजरात में किसानों के प्रश्नों को सुनने के लिए उनके पास समय नहीं है।
जबकि विपक्ष नेता सुखराम राठवा बोलने के लिए खड़े हुए और वे आधे घंटे के लिए चर्चा के लिए समय मांगा था। परंतु सत्र शुरू हो उसके पहले ही हल्ला-गुल्ला मच गया है। सभागृह में कांग्रेस पार्टी के विधायकों अपनी जगह पर खड़े हो गए और मेज की नारा लगाया और विभिन्न प्रश्नों व मांगों को लेकर विरोध किया। सरकारी कर्मचारियों , आन्दोलनकारियों को न्याय देने जैसे नारों के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू किया गया था।