आदिवासी विकास मंत्री नरेशभाई पटेल के हाथों 20.67 करोड़ रुपये की लागत से सरकारी कुमार छात्रावास के अतिरिक्त भवन निर्माण का भूमि पूजन किया गया।
आदिवासी क्षेत्र में मांगरोण वांकल शिक्षा के लिए हब बना- आदिवासी विकास मंत्री नरेशभाई पटेल
केन्द्र व राज्य सरकारों ने आदिवासी क्षेत्रों में कई स्कूल-कॉलेज, छात्रावास बनाकर शिक्षा की लौ जलाई है:- वित्त मंत्री कनुभाई देसाई
सूरत:- वित्त मंत्री कनुभाई देसाई के हाथों केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 19.36 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित जवाहर नवोदय विद्यालय का उद्घाटन और 20.67 करोड़ रुपये की लागत से सरकारी कुमार छात्रावास का बनने वाले अतिरिक्त भवन का निर्माण का शिलान्यास आदिवासी विकास मंत्री नरेशभाई पटेल द्वारा किया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय परिसर में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्रों की प्रतिभा को उजागर करने और उन्हें विश्व स्तरीय शिक्षा मिलता रहे, और शिक्षा के साथ-साथ नि:शुल्क भोजन व निवास की सुविधा मिलता रहे, इसके लिए जवाहर नवोदय विद्यालय कैंपस में स्कूल व हॉस्टल बिल्डिंग, रसोई, कैंटीन, भोजनालय, खेल का मैदान, गार्डन, प्रार्थना कक्ष, लेबोरेट्री, लाइब्रेरी, स्टाफ क्वार्टर्स का निर्माण किया गया है। इस भवन के बनने से 9 से 13 वर्ष आयु वर्ग की 96 छात्राएं एवं 192 विद्यार्थियों को निःशुल्क रहने और खाने के साथ कक्षा 6 से 12 तक शिक्षा की सुविधा मिलेगी। जबकि शासकीय कुमार छात्रावास के अतिरिक्त भवनों के निर्माण से अधिक आदिवासी छात्र-छात्राओं को समायोजित किया जा सकेगा।
इस अवसर पर मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों ने आदिवासी क्षेत्रों में आधुनिक विद्यालयों एवं छात्रावासों, आदर्श आवासीय विद्यालयों से लेकर सुदूर गांवों तक का निर्माण कर शिक्षा की ज्योति जलाई है। एक समय था जब आदिवासी क्षेत्रों में फोन नेटवर्क प्राप्त करने के लिए आपको पेड़ों का सहारा लेना पड़ता था, लेकिन आज आदिवासी क्षेत्रों में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी सहित कई क्षेत्रों में सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो कि आदिवासी समुदाय को बहुत लाभ मिल रहा है।
इस अवसर पर मंत्री श्री नरेशभाई पटेल ने कहा कि शासकीय कुमार छात्रावास के नवीन निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कर हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को समायोजित कर शैक्षिक सेवाओं से लाभान्वित करना है। शिक्षा और भवन दोनों में गुणवत्ता होनी चाहिए, तभी छात्र का भविष्य निर्माण मजबूत होगा। आदिवासी क्षेत्र में वांकल शिक्षा का हब बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि एकलव्य मॉडल स्कूलों में 90 से 100 प्रतिशत परिणाम प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज के आधुनिक समय में छात्रों के लिए यह आवश्यक है कि वे मोबाइल फोन का विवेकपूर्ण उपयोग करें और शिक्षा के ज्ञानसागर से लाभान्वित हों। सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को उच्च शिक्षा उनके घर पर ही दिलाने की व्यवस्था की है। साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में सिंचाई योजना के माध्यम से आदिवासियों का पलायन रुकेगा, उनका आर्थिक उत्थान कृषि और पशुपालन जैसे व्यवसायों से होगा।
इस अवसर पर सांसद प्रभुभाई वसावा ने कहा कि स्थानीय क्षेत्र में सड़क, पानी, आंगनबाडी, सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय जैसी सुविधाएं सृजित की गई हैं। लोगों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की डबल इंजन सरकार से दोहरा लाभ मिल रहा है। समाज का शैक्षिक विकास देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी की नई शिक्षा नीति शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी। यह कहते हुए कि सरकार ने स्कूल प्रवेश उत्सव के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान की है, वसावा ने केंद्र और राज्य सरकारों की कई विकास योजनाओं का विवरण दिया और उनसे उनका पूरा लाभ उठाने का अनुरोध किया।
इस मौके पर विधायक गणपतसिंह वसावा ने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों की जानकारी दी। पहले शिक्षा सुविधाओं के अभाव में स्थानीय क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता था, लेकिन आज मांगरोण के वांकल में स्कूल-कॉलेजों की स्थापना ने इसे ‘मिनी विद्यानगर’ के रूप में एक नई पहचान दी है।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर आयुष ओक, जिला संगठन के अध्यक्ष संदीपभाई वसावा, मांडवी प्रांतीय अधिकारी जनम ठाकोर, नगरपालिका अध्यक्षा मीनाबेन शाह, मांगरोण तालुका पंचायत अध्यक्षा चंदनबेन गामीत, सुमुल डेयरी के डायरेक्टर रितेशभाई वसावा, आदर्श आवासीय विद्यालय के आचार्य आर. के. डोडिया, कोसंबा एपीएमसी अध्यक्ष दिलीपसिंह राठौर, सामाजिक अग्रणी शैलेशभाई गंगाणी, हर्षदभाई चौधरी, देवेंद्र सिंह चौहान, जगदीश पारेख, अनीताबेन नायक, सरपंचों, तालुका-जिला पंचायत सदस्य सहित शिक्षक-छात्र और ग्रामीण उपस्थित थे।