वलसाड। पिछले कई वर्षों से वलसाड से जाने वाली और वलसाड पर समाप्त होने वाली ट्रेनों का प्लेटफॉर्म एक के बजाय प्लेटफॉर्म नंबर चार का उपयोग कर रही है। जिससे नाबालिगों और विकलांगों को काफी परेशानी हो रही है। परंतु रेल प्रशासन ठोस और जनहितकारी कार्य करने में विफल रहा है। इस संबंध में अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयकुमार गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सी. आर. पाटिल को एक आवेदन देकर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
आवेदन में कहा गया है कि वलसाड रेलवे स्टेशन एक ऐतिहासिक स्टेशन है और इसका एक ऐतिहासिक महत्व है। लेकिन अनुभवहीन प्रशासन और अधिकारियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण रेलवे स्टेशन और रेलवे प्रणाली हमेशा विवाद का विषय रही है। अन्य ट्रेनें जैसे सुबह-सुबह गुजरात क्वीन और वलसाड फास्ट पैसेंजर वलसाड से अहमदाबाद और वलसाड से मुंबई के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक से प्रस्थान करती थीं और दशकों तक नंबर एक पर पहुंचती थीं। परंतु रेल प्रशासन अचानक इन सभी ट्रेनों को प्लेटफॉर्म नंबर चार पर धकेल देता है। जबकि ट्रेनों में यात्रा करने वाले बच्चों एवं बुजुर्गों को अनावश्यक कष्टदायक सामान के साथ लंबी दूरी तक चक्कर लगा कर जाना पड़ता है। जबकि प्लेटफॉर्म नंबर पर चार पर जनहित की सुविधाओं का अभाव है। वहीं यहां पर लिफ्ट व एक्सीलेटर की सुविधा नहीं है। जो ब्रिज भी बनाया गया है, वह काफी ऊंचाई पर है, जिससे बुजुर्गों, विकलांगों व बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए संगठन के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल को आवेदन देकर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। वहीं वलसाड से सांसद डॉ. के.सी. पटेल और एक प्रति पश्चिम रेलवे के सब डिवीजन वलसाड के एरिया मैनेजर को आवश्यक समन्वय और सूचना के लिए भेजी है।
जबकि सी. आर. पाटिल ने प्रस्तुति में इस बात पर जोर दिया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृढ़ विश्वास है कि जनहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जाना चाहिए, जब लोकतंत्र में सरकारी व्यवस्था अक्सर ऐसी व्यवस्था बन जाती है जो सुविधाओं के बजाय दर्द देती है , तो इस पर ध्यान देने योग्य है।