प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पहले चरण का हुआ लोकार्पण।
कृष्णकुमार मिश्र,
उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद संबोधन में कहा कि महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी। उन्होंने कहा कि भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसा राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो। उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल एक मात्र ऐसे जोतिर्लिंग हैं, जो दक्षिण मुखी हैं। इसकी भष्म आरती विश्व प्रसिद्ध है। सभी लोग जीवन में इस आरती का दर्शन करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है। अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है।
।।कर्ता करे न कर सके , शिव करे सो होय
तीन लोक नौ खंड में , महाकाल से बड़ा न कोय ।।
इस दोहे की महिमा को चरितार्थ करते हुए , देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन महाकाल में कॉरिडोर के पहले चरण का शिलान्यास और लोकार्पण किया। यह कॉरिडोर 900 मीटर से ज्यादा लंबा, 856 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उज्जैन के भगवान महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान पीएम मोदी ने मंदिर में ध्यान लगाकर भोलेनाथ की आराधना की ।महाकाल लोक के पहले चरण का उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूजा-अर्चन में शामिल हुए।
महाकाल कॉरिडोर परियोजना के दूसरे चरण पर काम पहले से ही चल रहा है. परियोजना के दूसरे चरण में एक शिखर दर्शन का निर्माण किया जाएगा. जून 2023 तक पूरी परियोजना को पूरा किया जाना है।
जानकारी के मुताबिक महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। इन पर महादेव, पार्वती समेत उनके पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं. ये चित्र देखने में बिलकुल मूर्तियों की तरह ही हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है। महाकाल लोक कॉरिडोर के उद्घाटन से महाकाल की नगरी उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना का उद्देश्य विरासत संरचनाओं के संरक्षण और बहाली पर विशेष जोर देना है। महाकाल लोक के भव्य प्रवेश द्वार यानी नंदी द्वार के नीचे ‘मोली’ (पवित्र) धागों से ढका एक विशाल शिवलिंग रखा गया है।
महाकाल पथ में 108 स्तंभ हैं जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (एक नृत्य रूप) को दर्शाते हैं। 2.5 हेक्टेयर में फैला प्लाजा कमल के तालाब से घिरा हुआ है और इसमें फव्वारे के साथ शिव की मूर्ति भी है। महाकाल लोक पथ के किनारे भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई धार्मिक मूर्तियां स्थापित हैं।महाकाल लोक पथ में शिव पुराण की कहानियों को दर्शाते हुए 53 प्रबुद्ध भित्ति चित्र हैं। मेगा कॉरिडोर के उद्घाटन को प्रतीकात्मक रूप से चिह्नित करने के लिए शिवलिंग का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम श्री महाकाल लोक गलियारा के पहले चरण का लोकार्पण करने से पहले भगवान महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मौजूद रहे।