कृष्ण कुमार मिश्र,
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जहां चुनाव की जंग शुरू हो गई है, वहीं आज दिल्ली में नगर निगम चुनाव का भी बिगुल बजने से केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत बढ़ गई है। तीन तीन जगह केजरीवाल को अपनी रणनीति बनाना कठिन ही साबित होने जैसा लग रहा है।
राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली में स्थानीय चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है ,जिसका असर सीधे दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर गुजरात चुनाव पर असर पड़ सकता है. संभावना है कि गुजरात में जोरदार तैयारी कर रही आप को दिल्ली में ही उलझाए रखना पड़े तो इसका सीधा बीजेपी को फायदा होगा. जिसमे बीजेपी आलाकमान कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
एमसीडी चुनाव को दिल्ली की सत्ता का सेमीफाइनल बताया जा रहा है. इसके चलते केजरीवाल को दिल्ली में अपनी ताकत का इस्तेमाल नगर निगम पर कब्जा करने के लिए करना होगा। हालांकि आप ने हिमाचल प्रदेश में इतनी ताकत नहीं दिखाई है, लेकिन केजरीवाल ने गुजरात में बड़ा क्षेत्ररक्षण शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर केजरीवाल को दिल्ली में रोका जाता है तो यह बीजेपी के लिए फायदेमंद होगा. आप के पास बीजेपी की तरह संसाधनों की भी कमी खलेगी , नेताओ का भी अभाव होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। केजरीवाल को ही मोर्चा संभालना पड़ेगा। इम्तेहान की कठिन घड़ी होगी।
गौरतलब है ,केजरीवाल ने गुजरात में अपनी ताकत झोंक दी है. लेकिन, दिल्ली विधानसभा का गढ़ बनाए रखने के लिए एमसीडी चुनाव आप के लिए महत्वपूर्ण होंगे। गुजरात में बीजेपी 37 साल से सत्ता में है. ऐसे में बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर आप अपना मुख्यमंत्री चाहती है। केजरीवाल की सभाओं में भी भीड़ हो रही है। अगर दिल्ली में चुनाव होंगे तो केजरीवाल का ध्यान गुजरात से हट जाएगा. आने वाला समय और नतीजे ही मेहनत का परिणाम बताएंगे , तब तक इंतजार करना पड़ेगा।