कृष्ण कुमार मिश्र
विधानसभा चुनाव 2022 की आधिकारिक घोषणा के बाद राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.कांग्रेस ने पहली सूची में 43 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए उमरगांव विधानसभा सीट पर वारली समाज को प्राथमिकता दे कर नरेश वलवी को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं बीजेपी से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक मजबूत प्रत्याशी रामनलाल पाटकर मैदान में हैं।
उमरगाम तालुका कांग्रेस अध्यक्ष फुलजीभाई पटेल ने भी कड़ी मेहनत की , कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर एक विपक्षी दल के रूप में लोगों के बीच गए और रैलियों और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सत्तारूढ़ दल भाजपा का विरोध किया , जिसका काफी असर इस विधानसभा में होगा। वर्तमान में, तालुका कांग्रेस संगठन तालुका के सभी गांवों में निष्क्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कार्यकर्ता कई बैठक कर रहे हैं । बीजेपी की खामियों को सामने लाने में भी काफी हद तक सफल हो रहे हैं।
यही कारण है की बीजेपी के अंदरूनी सर्वे में उमरगांव के प्रति कमी दिखी थी ,फलस्वरूप वारली समाज के लोगों का रुझान कांग्रेस के प्रति झुकते देख प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्तर पर इस मामले पर ध्यान दिया और वारली समाज के प्रतिनिधियों को सार्वजनिक मंच से बुलाया और सम्मान दिया।बता दें की उमरगाम 182 विधानसभा सीट वारली समुदाय के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. एक उम्मीदवार के रूप में घोषित, नरेश वालवी सभी समाजों में एक निर्विवाद और स्वीकार्य चेहरा हैं। तालुका के सरपंचों और विभिन्न समुदायों के नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध, मुख्य रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में, चुनाव में कांग्रेस के लिए जीवनदायिनी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नरेश के नाम की घोषणा के बाद तालुक के कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साह में दिख रहा हैं। दूसरी ओर, मौजूदा विधायक 2 रमनभाई पाटकर स्वयं वारली समुदाय से हैं और विधायक के रूप में लंबे समय से तालुका का नेतृत्व कर रहे हैं। बीजेपी सरकार में बतौर मंत्री आदिवासी एवम वन विभाग मंत्रालय को संभाल चुके है। रमनभाई पाटकर कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारकर बीजेपी के खिलाफ कड़ी चुनौती पेश की है।