कृष्ण कुमार मिश्र ,
रजवाड़ी नगरी से प्रसिद्ध धरमपुर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 51 हजार 46 है। इनमें 1,25,245 पुरुष और 1,25,801 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर आदिवासी वोटरों का दबदबा होने से सभी पार्टियों ने आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर फोकस कर अपना वोट बैंक बढ़ाना शुरू कर दिया है।
वलसाड जिले की धरमपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने लगातार 2002 से 2017 तक जीत दर्ज की कांग्रेस का वर्षों से आदिवासी बहुल क्षेत्र पर दबदबा रहा है। यह चुनाव आम आदमी पार्टी के आने से बड़ा ही रोमांचक स्थिति में है।
वलसाड तालुका के 42 गांवों सहित धरमपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 2 लाख 51 हजार 46 है। इनमें 1,25,245 पुरुष और 1,25,801 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर आदिवासी वोटरों का दबदबा है। इस वजह से तमाम पार्टियां आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर जोर आजमाइश कर आदिवासी वोट बैंक पर कब्जा करने की रणनीति तैयार कर रही हैं।
कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट से 2002 के बाद से धर्मपुर में लगातार तीन चुनाव जीते हैं। हालांकि, 2017 में बीजेपी ने कांग्रेस को मात दी थी। 2017 में बीजेपी के अरविंद छोटूभाई पटेल को 94,944 और कांग्रेस के ईश्वर पटेल को 72,698 वोट मिले थे। लिहाजा यहां सिर्फ 2 पार्टियां ही प्रमुख रही हैं लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने बीजेपी-कांग्रेस के साथ धरमपुर विधानसभा में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस , बीजेपी और आप के तीनो पार्टियों के स्टार प्रचारकों ने पिछले अक्टूबर महीने से ही मतदाताओं पर डेरा डालना शुरू कर दिया था। अरविंद केजरीवाल , नरेंद्र मोदी ने तो खुले मंच से इस क्षेत्र के प्रमुख जनसंख्या आदिवासी जाति को प्रमुखता से मंच से सम्मान दिया और अपने द्वारा किए जाने वाले वादे गिनाए। जनता भी असमंजस के दौर से गुजर रही है , कौन अपना और कौन पराया इसका आंकलन नहीं कर पा रही है। जैसे जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आयेगी ,वैसे वैसे मतदाताओं का रुझान बढ़ेगा।
पार-तापी लीवर लिंक परियोजना के विरोध को लेकर चर्चा में रहे कल्पेश पटेल कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हुए, टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। कांग्रेस से टिकट के लालायित उम्मीदवार कल्पेश पटेल का पत्ता कटते ही उन्होंने निर्दलीय लड़ने का मन बनाया और चुनाव मैदान में हैं। परिणाम स्वरूप वोट शेयर का विभाजन तय माना जा रहा है , इस सीट की लड़ाई रोमांचक हो गई है।