स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
नवसारी। गुजरात में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है , चुनावी माहौल में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां वलसाड जिले में प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो और जनसभा ने कार्यकर्ताओं के जोश को 4 गुना कर दिया है। वहीं पास के नवसारी जिले के सांसद और गुजरात प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सी आर पाटिल के गृहनगर से उनके करीबी द्वारा 200 करोड़ रुपए के घोटाले की खबर सामने आ रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सी आर पाटिल के करीबी और कट्टर समर्थक जयंतीभाई उकाभाई पटेल उर्फ अरविंद पटेल पर 200 करोड़ रुपए के सहकारी बैंक घोटाले के आरोप होने की खबर है।
सूत्रों के अनुसार वलसाड सहकारी बैंक द्वारा नियमों को दरकिनार कर वलसाड सहकारी खांड उद्योग लिमिटेड को 200 करोड़ का कर्ज दिया गया। जबकि मामले में वित्तीय गबन का आरोप लगाते हुए गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। गौरतलब है कि नवसारी के विजलपुर रोड निवासी और बैंक क्लर्क मुकुंद मोंगाभाई देसाई द्वारा इस मामले में याचिका दायर की गई है । पहले याचिकाकर्ता ने इस पूरे मामले को सिटी पुलिस और जिला पुलिस मुख्यालय में याचिका दर्ज कराई थी। लेकिन मामला हाई- प्रोफाइल लोगों के जुड़े होने के कारण पुलिस द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। मजबूर होकर याचिकाकर्ता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
वलसाड बैंक के अध्यक्ष जयंती उकाभाई पटेल व अन्य ने आपस में मिलीभगत कर बैंक धारकों, लाभार्थियों के हितों को नुकसान पहुंचाया है और बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट समेत नीतिगत नियमों का उल्लंघन कर वलसाड सहकारी चीनी उद्योग को करोड़ों रुपए का कर्ज दिया गया है। सूत्रों की मानें तो इन ऋणों के माध्यम से बैंक के इन अधिकारियों द्वारा 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आपराधिक कृत्य किया गया है। जबकि जयंतीभाई उकाभाई पटेल और अन्य ने अपने व्यक्तिगत वित्तीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए बैंक, उसके ग्राहकों, जमाकर्ताओं, शेयरधारकों और सार्वजनिक संस्थानों और सरकार को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश रची है।
वलसाड शुगर सोसायटी की ऑडिट रिपोर्ट से साफ है कि ऑडिट के दौरान बैंक के बैलेंस सर्टिफिकेट पेश नहीं किए गए। वर्ष 2017-18 में सोसायटी द्वारा 46.70 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। वर्षो से घाटे में चल रही शुगर मील को 200 करोड़ रुपये का कर्ज देकर अन्य बैंक ग्राहकों के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया। वहीं परिणामस्वरूप बैंक की फाइनेंशियल स्थिति चरमरा गई है। जयंतीभाई उर्फ अरविन्द पटेल व अन्य ने सभी तथ्यों को जानते हुए भी बैंक के सदस्यों व जमाकर्ताओं के साथ धोखा कर इस आपराधिक कृत्य को किया है। जबकि जयंती उकाभाई पटेल उर्फ अरविंद पटेल की गंभीर अनियमितताओं के कारण वलसाड, नवसारी और डांग जिलों के बैंक ग्राहकों, सदस्यों और शेयरधारकों को गंभीर संकट में डाल दिया है।
याचिका में अरविंद पटेल के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि परिवार और अपने खास सगे-संबंधियों को सदस्य बनाकर लाभ पहुंचाया गया है। निदेशक-सह-अधिकारी अरविंद पटेल मिलीभगत से अपने बेटे पंकज, भतीजे हितेश गोविंदभाई पटेल, अपने चचेरे भाई अंबेलाल वल्लभ भाई पटेल, पड़ोसी किशोर भीखूभाई पटेल और चीनी मील के निदेशक हरिसिंह जावेरभाई सोलंकी आदि को नियुक्त किया है। चूंकि जयंतीभाई उर्फ अरविंद पटेल और उनके बेटे पंकज पटेल के राजनीतिक हस्तियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, इसलिए पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की। अंत में उच्च न्यायालय में एक विशेष आपराधिक आवेदन दायर किया गया है।
जबकि जयंतीभाई उकाभाई पटेल, गोविंदभाई ठाकोरभाई पटेल, मिलनकुमार रमनलाल देसाई, हरिसिंह जावेरभाई सोलंकी, गमनभाई भैलूभाई मिश्रा, किशोरभाई भीखूभाई पटेल, पंकजभाई जयंतीभाई पटेल, मंगलभाई गगनजीभाई गावित, अशोकभाई प्रभुभाई पटेल, किशोर हरिभाई पटेल, पृथ्वीराज कल्याणजी मेहता, कालिदास लखुहित चौधरी, यशवीभाई गोधरी पटेल, अंबेलाल वल्लभभाई पटेल, करसनभाई गुमानभाई पटेल और दशरथ सिंह अभयसिंह राजपूत पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग याचिका में की गई है।
गौरतलब है कि वलसाड शुगर फैक्ट्री ने 23 साल पहले भी शुगर डेवलपमेंट फंड से करोड़ों का कर्ज लिया था, जिसे आज तक चुकाया नहीं जा सका है। वर्षों से बढ़ते ब्याज के साथ बकाया राशि 75 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं चीनी कारखाने की वार्षिक बैलेंस शीट में इस विवरण को छिपाकर झूठे और फर्जी दस्तावेज बनाकर, ऑडिट जांच में फर्जी वार्षिक शेष राशि बनाकर और करोड़ों के फर्जी ऋणों का निर्माण किया गया है।