गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के प्रचार अभियान के लिए कुछ ही दिनों का समय और बचा है। ऐसे में सभी दलों ने जोर-शोर से चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है और इसके साथ ही साथ धन का पिटारा भी खोल दिया है। प्रत्याशियों के आर्थिक मदद के लिए तीनों प्रमुख दलों ने उनके खाते में फंड जमा कराया है। भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के खाते में आरटीजीएस के जरिए 25 लाख रुपये का फंड जमा कराया है।
जबकि वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवारों के खाते में 20-20 लाख रुपये जमा कराये हैं। चुनाव आयोग की ओर से बनाए गए नियम के अनुसार कोई भी उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है। जबकि वहीं आप और कांग्रेस ने अधिकतम खर्च सीमा की 50 प्रतिशत रकम अपने उम्मीदवारों के खाते में जमा करा दी है।
चुनाव आयोग ने हर चीच का रेट तय किया हुआ है।
चुनाव आयोग की ओर से गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार की खर्च सीमा तय की गई है। इसमें सभी वस्तुओं, जलपान, भोजन, पंडाल-साउंड समेत तमाम चीजों का रेट भी तय किया गया है। इसके अलावा वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए उम्मीदवारों की ओर से जिस तरह खर्च किया जा रहा है, वह देखते हुए लगता है कि खर्च की रकम तय रकम से कहीं ज्यादा हो सकती है। जबकि चुनाव आयोग ने 7 उम्मीदवारों को खर्च का ब्योरा पेश नहीं करने पर नोटिस भी भेजा है।
सबसे ज्यादा बीजेपी 45.50 करोड़ रुपये बांटे।
भाजपा ने अपने उम्मीदवार के खाते में कुल खर्च सीमा की 62.5 प्रतिशत रकम जमा करा दी है। हालांकि, भाजपा ने कई उम्मीदवारों को 35-35 लाख रुपये का फंड भी दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को कुल 36.20 करोड़ रुपए दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को 36.40 करोड़ रुपए दिए हैं।