कृष्ण कुमार मिश्र,
गुजरात आम विधानसभा के चुनावी नतीजे आते ही लोगों में उत्साह चरम पर है , लेकिन कहीं न कहीं गरीब परिवारों में बच्चो को इंग्लिश में पढ़ाना अब भी मिल का पत्थर ही साबित हो रहा है। गौरतलब है की गुजरात चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़े बड़े वादे किए , लेकिन जनता ने इन सभी बातों को नकार कर भाजपा सरकार को अपना पूर्ण बहुमत प्रदान किया।
अब दबे जुबान में ही सही लोगों में शिक्षा में बढ़ती फीसों के कारण चिंता में पड़ रहे है ।अत्याधुनिक तरीके से बनाए जाने वाले अंग्रेजी माध्यमों के विद्यालयों के प्रति आस बढ़ती जा रही है। कहीं न कहीं केजरीवाल ने मुफ्त शिक्षा वो भी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय की बात कही थी ,मुफ्त बिजली के बारे में वायदा किया था । बीजेपी को प्रचंड बहुमत दे कर गरीब , मध्यम वर्ग शिक्षा को लेकर बीजेपी सरकार की प्रति आशान्वित हुआ है। चुनाव परिणाम आने के दूसरे ही दिन सभी सोसाइटी में भारी भरकम बिजली बिल का रसीद पहुंचा दिया गया। अब चुनाव पश्चात लोगो में काफी उम्मीदें हैं की भावी सरकार में बिजली के दामों और शिक्षा में फीस में कमी होगी और जीवन में सुधार आएगा।
लोगों का मानना है की डबल इंजन और पूर्ण बहुमत की सरकार को देश में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए , न्यूनतम बिजली बिल और सभी सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी शिक्षा ( राज्य बोर्ड और केंद्रीय बोर्ड ) से मिलता जुलता पाठ्यक्रम शुरू करना चाहिएं ताकि मेधावी गरीब छात्र , छात्राओं को शिक्षा उपलब्ध हो सके।
आसमान छूती महंगाई के दौर में सबसे ज्यादा बोझ आम आदमी पर बच्चों की पढ़ाई ,लिखाई और लालन पालन में पड़ता है। सरकार को इस क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने की इच्छा कई बुद्धिजीवी और मध्यम वर्ग के परिवारों ने भी जाहिर किया है।