8.2 C
New York
Thursday, Mar 28, 2024
Star Media News
Breaking News
News

भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर झूमे श्रोतागण,

कृष्ण मिश्र “गौतम”

वापी ,वापी के चनोद विस्तार में मैंगो विला स्थित प्रांगण में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। रीवा के प्रसिद्ध कथाकार पंडित गोपाल शास्त्री जी महाराज के सान्निध्य में इस कथा का रसापान कराया जा रहा है। भागवत कथा में श्रोताओं, भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही हैं, बड़ी मात्रा में माताएं, बहनें,बुजुर्ग , छोटे बच्चे सभी इस कथा का रसपान कर रहे हैं। पांचवें दिन के इस कार्यक्रम में श्री कृष्ण जन्मोत्सव को बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। संगीतमयी इस कथा में सभी भक्तों के पांव थिरक उठे , लोग एक दूसरे को बधाई देते रहे ,और जमकर, नाच कर जन्मोत्सव मनाया। कथा में भगवान का जन्म होते ही भक्त जमकर झूमे।

कथा प्रवाचक श्री संत गोपाल जी शास्त्री जी महाराज ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने कथा में कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये।वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया।

वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। शास्त्री जी ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्य रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया।

कृष्ण जन्म पर पुष्प वर्षा की गई और थाली बजा आतिशबाजी की गई। इससे पहले कथा वाचक ने कहा कि दानवेंद्र राजा बलि ने भगवान को अपना द्वारपाल बनाकर रखा तो लक्ष्मी ने राजा बलि को भाई बनाया। उसके राज्य में चारों ओर धन-दौलत, सुख-समृद्धि का साम्राज्य व्याप्त हो गया। इसी प्रकार यदि हम नारायण की सेवा में रहते हुए न्याय, सत्य व सद्मार्ग पर चलेंगे तो यह निश्चय मानिए कि हमारा घर-परिवार भी फलेगा-फूलेगा। घर में हमेशा सुख-शांति और लक्ष्मी का वास होगा। कथा में गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मन्थन, भागीरथ की ओर से धरती पर गंगा अवतरण व राम कथा के कुछ प्रसंग भी सुनाए।

मुख्य यज्ञाचार्य संतगोपाल महाराज ने बताया की यह कथा 9 दिसंबर से शुरू हुई है जो की 15 दिसंबर तक प्रतिदिन भव्य पंडाल में दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी । 16 दिसंबर को हवन आहुति दे कर कथा का समापन किया जाएगा , साथ ही शाम को महाप्रसाद का आयोजन आयोजकों “मैंगो विला” द्वारा किया गया है। कथा के आयोजक और कार्यक्रम के संयोजक ने लोगों को निमंत्रित करते हुए बड़ी भारी मात्रा में कथा में भाग लेने का निवेदन किया है।

Related posts

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के मुंबई चेयरमैन बने अखिलेश सिंह। 

cradmin

वलसाड की पार नदी नहाने गए  2 विद्यार्थियों की लाश बरामद , जांच जारी

cradmin

वरदान लोक आश्रम में श्री सुधांशु जी महाराज की होगी अमृत वर्षा

cradmin

Leave a Comment