स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वापी। उमरगांव के मरोली में पटलारा फणिया में रहने वाले शैलेष रमेशभाई पटेल मछली का व्यवसाय कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। वर्ष 2014 में घर के आंगन में काका उत्तमभाई पटेल द्वारा नल लगाने से पानी शिकायत कर्ता के आंगन में आने पर नल को हटाने के लिए कहा। परंतु उसके बाद दोनों के बीच कहासुनी हो गई। शाम को काका उत्तमभाई व इनका पुत्र राजेश घर आये और झगड़ा करते हुए गाली बकने लगे, जबकि शैलेष का भाई जनक व पिता रमेशभाई उसे करने के लिए ना बोल रहे थे। परंतु उस दौरान उत्तमभाई व इनका पुत्र राजेश दोनों उनके ऊपर सलिया व कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। जिसकी वजह से जनक के सिर पर गंभीर चोट आई और उन्हें इलाज के लिए वापी के हरिया हास्पिटल में लाया गया था, परंतु डॉक्टर ने जनक को मृत घोषित कर दिया था।
जबकि उस दौरान इस मामले को लेकर वापी जीआईडीसी पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी थी और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2014 में हुई हत्या के मामले में आरोपी पिता-पुत्र की केस की सुनवाई वापी के एडिशनल सेंशन कोर्ट में हुई, जहां पर सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के असरदार दलीलों को सुनकर एडिशनल सेंशन कोर्ट के जज के. जे. मोदी ने मनुष्य वध के जघन्य अपराधी राजेश उर्फ राजू उत्तम कोली पटेल को दस वर्ष की सजा व 15 हजार रूपये का दंड की सजा सुनाई। इसके अलावा दंड न भरने पर एक वर्ष की और सजा भुगतने के लिए आदेश दिया है। आपको बता दें कि आरोपी राजेश के पिता उत्तम जेल में ही आत्महत्या कर लिया था, जिसके सामने केस उसी समय बंद कर दिया गया था।