गणित के बिना हमारे दैनिक जीवन में लेन-देन संभव नहीं:- मेघराज भट्ट
स्टार मीडिया न्यूज, वलसाड। वलसाड जिला विज्ञान केंद्र (राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) धरमपुर द्वारा राष्ट्रीय गणित दिवस 2022, श्रीनिवास रामानुजन की 135वीं जयंती के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर के शिक्षा अधिकारी प्रज्ञेश राठौर ने राष्ट्रीय गणित दिवस 2022 के महत्व को समझाया और कहा कि भारत सरकार द्वारा हर साल 22 दिसंबर को विश्व के श्रेष्ठ गणितज्ञ भारत के प्रपौत्र श्रीनिवास रामानुजन की जयंती की स्मृति में राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं जिला विज्ञान अधिकारी अशोक वी जेठे ने विद्यार्थियों को गणित दिवस की बधाई दी।
“Scholar of Infinity-S.Ramanujan ” विषय के वक्तव्य में मेघराज भट्ट, सेवानिवृत्त शिक्षक और पूर्व अध्यक्ष-गुजरात गणित मंडल, सलाहकार-गणित मिलन, वलसाड, सदस्य- द एसोसिएशन ऑफ मैथमैटिक्स टीचर्स ऑफ इंडिया (एएमटीआई) और एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल मैथमेटिक्स एजुकेशन एंड रिसर्च (एमईआर) और संपादक “द मैथमेटिक्स टीचर” ने कहा कि गणित के बिना हमारे दैनिक जीवन का लेन-देन संभव नहीं होता और हम अंतरिक्ष विज्ञान और अन्य शोध नहीं कर पाते। उन्होंने आगे रामानुजन के जीवन की विभिन्न घटनाओं पर चर्चा की। इनोवेशन हब के जु. मेंटर्स राहुल शाह और गायत्री बिष्ट ने बच्चों के लिए कुछ गतिविधियां भी कराईं। जिसमें एक वृत्त और एक आयत का क्षेत्रफल बराबर होता है और परिधि का व्यास से अनुपात हमेशा π (पाई) होता है।
बच्चों को ज्यामितीय आकृतियों की पहेलियाँ जैसे प्रिज्म और पिरामिड, वर्गाकार टुकड़ों की पुनर्व्यवस्था और विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों का निर्माण कराया गया। साथ ही ब्रह्मा टॉवर, पाइथागोरस प्रमेय, कलाबाजी की छड़ी, शंकुओं का प्रतिच्छेदन और उनसे बनी विभिन्न आकृतियाँ, द्विपरिमाणीय (2डी) में से त्रिपरिमाणीय (3डी) आकृतियों का निर्माण जैसी गतिविधियाँ भी की गईं। रामानुजन की जन्मतिथि के जादुई वर्ग से बच्चों को यह भी समझाया गया कि अपनी जन्मतिथि का जादुई वर्ग कैसे बनाएं। गणित प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। क्विज व कोयडामां विजेता बच्चों को पुरस्कार दिए गए। गणित दिवस समारोह कार्यक्रम से 5 स्कूलों के कुल 434 बच्चे लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के अंत में रामानुजन के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर के सभी कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की।