स्टार मीडिया न्यूज, वलसाड। वलसाड जिला पंचायत के मार्ग व मकान विभाग के इंजीनियर निलय कुमार भरतभाई नायक व विचौलिया विक्रम कांति पटेल को 15 लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए सूरत एसीबी की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। सूरत एसीबी की टीम ने वलसाड एसीबी कार्यालय में रिश्वतखोर अधिकारी और विचौलिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच-पड़ताल करने के लिए मामला वलसाड एसीबी टीम को सौंप दी थी। वलसाड एसीबी की टीम द्वारा वलसाड के स्पेशल कोर्ट में आरोपियों के लिए 7 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की गई थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के असरदार दलीलों को सुनने के बाद स्पेशल कोर्ट के स्पेशल जज श्री टी वी आहूजा ने दोनों आरोपियों को 13 जनवरी शाम 3 बजे तक पुलिस कस्टडी का आदेश दे दिया।
गौरतलब है कि वलसाड जिला पंचायत मार्ग व मकान विभाग द्वारा नदी के ऊपर पुल बनाने का काम कॉन्ट्रैक्टर को सौंपी गई थी। कॉन्ट्रैक्टर द्वारा वर्ष 2019-20 में वलसाड जिला में स्थित कार्यपालक इंजीनियर कार्यालय, पंचायत मार्ग व मकान विभाग की ओर से नदी के ऊपर पसार होने वाले रास्ते पर पुल का काम पेटा कॉन्ट्रैक्टर के रूप में रखा गया था। पुल का काम पूरा हो जाने के बाद फाइनल बिल मंजूर करने के लिए जिला पंचायत के मार्ग व मकान विभाग के नायब कार्यपालक इंजीनियर व असिस्टेंट इंजीनियर ने 20 लाख रूपये की रिश्वत की मांग की थी। जबकि कॉन्ट्रैक्टर यह रिश्वत नहीं देना चाहता था और उसने सूरत के एसीबी टीम से संपर्क कर इसकी शिकायत कर दी। सूरत एसीबी की टीम द्वारा वलसाड जिला पंचायत के पास अपनी फिल्डिंग लगाई और जिला पंचायत के कार्यपालक इंजीनियर निलय भरत नायक व असिस्टेंट इंजीनियर अनिरुद्ध माधुसिंह चौधरी के कहने पर विचौलिये द्वारा 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों कार्यपालक इंजीनियर और विचौलिया को गिरफ्तार कर लिया, जबकि असिस्टेंट इंजीनियर एसीबी के हाथ में नहीं आया और एसीबी की टीम द्वारा मामला दर्ज कर असिस्टेंट इंजीनियर चौधरी को वांटेड घोषित कर दिया गया है और आगे की जांच-पड़ताल की जा रही है।