जघन्य से जघन्य अपराध की श्रेणी अंतर्गत देश की कई मामलों के आधार पर मुख्य लोकाभियोजक अनिल त्रिपाठी की धारदार दलीलों के आधार पर विशेष कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला
कृष्ण मिश्र “गौतम”
स्टार मीडिया न्यूज वलसाड। जिले के वापी तहसील अंतर्गत पॉक्सो एक्ट के तहत 9 साल की बच्ची के अकेलेपन का फायदा उठाने वाला आरोपी मूल निवासी मधुबनी , बिहार , प्रदीप राजेश रामेश्वर राजकुमार गुप्ता उम्र 22 ,द्वारा 9 साल की बच्ची से अप्राकृतिक यौन शोषण कर बच्ची की हत्या कर कमरे में पंखे में लटका दिया था। सेशन कोर्ट द्वारा पॉक्सो एक्ट अंतर्गत फांसी की सजा सुनाई।
डीजीपी अनिल त्रिपाठी ने मामले के बारे में विस्तार से बताते हुए बताया की घटना वापी टाउन पुलिस अंतर्गत मामला फरवरी 2020 में घटित हुई थी ,पीड़िता की उम्र 9 वर्ष थी , वापी में अपने माता पिता और भाई के साथ रहती थी ,माता पिता नौकरी करते थे , पीड़िता और भाई स्कूल गए थे। विद्यालय से लौटने के बाद करीब 2 बजे घर में टीवी देख रही थी , उसी समय अभियुक्त घर में प्रवेश करता है , पीड़िता के बहुत कहने के बाद भी अभियुक्त मान जाता है , लेकिन दोबारा पूरी तैयारी से फिर घर में घुस के जबरन यौन शौषण और अप्राकृतिक तरीके से पूरे घटना की अंजाम देता है।
पीड़िता की गला दबा कर हत्या कर शरीर की पंखे से लटका कर फरार हो जाता है। त्रिपाठी ने आरोपी के बारे में और जानकारी देते हुए बताया की इतना जघन्य अपराध करने के बाद आरोपी अपने मित्रों के साथ चिकन पार्टी और मजे करता है ,साथ ही आरोपी मासूम बनकर पीड़िता के परिवार के साथ अस्पताल और अन्य जगहों पर हितैषी बनने का नाटक करता रहा। पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच में आरोपी के संलिप्त होने का शक हुआ तो पुछतांछ में उसने बात कबूली , यहां भी आरोपी “पहले चोरी और सीना जोरी ” पर उतर आया। आरोपी के मुताबिक उसकी उम्र 18 साल से कम है ,उसे जेल नही हो सकती साथ ही बाल अपराध की श्रेणी में उसके साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।
आरोपी की इस बात की खंगालने के लिए पुलिस ने पहले उसकी उम्र की जांच में पाया की आरोपी की उम्र 19 वर्ष के करीब है , उस के बाद कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत सभी जांच फोरेंसिक लैब ,सूरत में की गई जहां डीएनए रिपोर्ट समान पाया गया , जिससे आरोपी की आधिकारिक पुष्टि हुई। साथ ही साक्ष्य के आधार पर पीड़िता की मौसी ने भी वारदात के समय आरोपी को घर के आस पास घूमने का आरोप लगाया था। इन सभी सबूतों और रिपोर्टों के संज्ञान में लेते हुए वलसाड सेशन कोर्ट के विशेष जज कौशिक कुमार जसवंतलाल मोदी ने अपने आदेश में पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत अभियुक्त को आरोपी करार देते हुए आईपीसी धारा 302 के अंतर्गत फांसी की सजा सुनाई साथ ही पॉक्सो एक्ट धारा 201 में सात वर्ष की सजा और 10 हजार का दंड सुनाया है। साथ ही पीड़िता के माता पिता के लिए 17 लाख रुपए अनुदान चुकाने का हुक्म दिया। डीजीपी अनिल त्रिपाठी ने बताया की फांसी की सजा के विरुद्ध आरोपी हाईकोर्ट की शरण ले सकता है ,जिसमें 6 महीने के भीतर हाई कोर्ट अपना हुक्म सुना देगा।