रविंद्र अग्रवाल
स्टार मीडिया न्यूज, नवसारी। राज्यपाल आचार्य देवव्रत नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने नवसारी पहुंचे। दीक्षांत समारोह के बाद राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के साथ बैठक की।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत कम आती है और फसल का उत्पादन अधिक होता है। वहीं राज्यपाल ने किसानों के उत्साह और जिज्ञासा पर प्रसन्नता व्यक्त की। राज्यपाल ने किसानों को रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के बारे में समझाया, साथ ही उन्होंने कहा कि जल, मिट्टी और पर्यावरण के प्रदूषण के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है। उन्होंने कहा कि अब रासायनिक कृषि के सशक्त विकल्प के रूप में प्राकृतिक कृषि को अपनाने से कृषि में नई क्रांति आएगी।
राज्यपाल ने आगे कहा कि गुजरात राज्य ने प्राकृतिक खेती के साथ पहल की है। जैविक खेती के लिए खाद का उपयोग अनुकूल जीवों जैसे कि केंचुओं और सूक्ष्मजीवों के विकास को बढ़ावा देता है, और मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की मात्रा में वृद्धि करके समग्र रूप से मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है।
राज्यपाल ने नवसारी जिले के प्रत्येक तालुका में एक अधिकारी नियुक्त कर केवल 10 गावों में एक ट्रेनर तरीके भेजकर प्राकृतिक खेती के तरीकों पर सेमिनार आयोजित करने के लिए सुझाव दिया।
राज्यपाल ने आत्मा परियोजना, कृषि अधिकारी के साथ-साथ बागवानी अधिकारियों को जैविक खेती के बारे में किसानों को जागरूक करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षक के रूप में महिलाओं को तरजीह देने को कहा।
इस बैठक में प्रमुख कृषक विपिनभाई नायक एवं परिमलभाई ने राज्यपालश्री से प्राकृतिक खेती एवं इसके लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की एवं अपने विचार प्रस्तुत किये। राज्यपाल ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
इस अवसर पर डॉ. सी. के. टिंबडिया, जिलाधिकारी अमित प्रकाश यादव, प्रभारी जिला विकास अधिकारी श्री गढ़वी सहित प्रमुख किसान उपस्थित थे।