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वलसाड जिला में घरेलू हिंसा और कठिनाईयों का सामना कर रही 17743 से अधिक महिलाओं के जीवन में खुशियां लौटी

181 अभयम ने 8 साल में 15978 महिलाओं का घर उजाड़ने से बचाया और 3798 महिलाओं की समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया:-
 
 जिग्नेश सोलंकी
 स्टार मीडिया न्यूज, वलसाड। “घर की बात घर में रहे” यह कहावत दशकों से समाज में चली आ रही है, घर और कार्यस्थल पर महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और हिंसा सार्वजनिक हो जाए तो अक्सर ऐसा नहीं होता कि घर की दुनिया टूट जाती है। ऐसी विकट घड़ी में महिलाओं की सुरक्षा,  निजता और गरिमा बनाए रखने के लिए गुजरात सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में लागू किए गए 181 अभयम, सखी वन स्टॉप सेंटर और पुलिस थाना आधारित सहायता केंद्र (महिला सहायता केंद्र) वर्तमान समय में महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही हैं। गुजरात सरकार की ये तीनों सेवाएं भ्रम और परेशानी के समय तुरंत जवाब देकर संकट के समय में महिलाओं की रिश्तेदारों की तरह साथ खड़ी हैं। आज विश्व महिला दिवस पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की बात करें तो इन तीनों सेवाओं ने वलसाड जिले की 17,743 से अधिक महिलाओं की पीड़ा साझा कर उन्हें जीवन जीने की नई प्रेरणा दी है, जिससे महिलाओं में आत्महत्या की दर भी कम हो रही है।
“हे नारी… ना हारीश, ना मुंजाईश, गुजरात सरकार छे तारी व्हारे” ना केवल एक नारा है, बल्कि गुजरात सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के हेतु लिए गए संवेदनशील फैसलों का एक प्रतिबिंब भी है। साथ ही, महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हमेशा चिंतित रहने वाली गुजरात सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम ने गुजरात को महिलाओं के लिए एक आदर्श राज्य बना दिया है। बहुत ही कम समय में उपरोक्त तीनों सेवाओं ने महिलाओं में काफी आत्मविश्वास पैदा किया है। जिससे संकट की घड़ी में महिलाओं के जीवन में नई उम्मीद जगी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग, गृह विभाग, गुजरात सरकार और ईएमआरआई जीएचएस द्वारा समन्वित “181 अभयम महिला हेल्पलाइन” घरेलू हिंसा सहित विभिन्न प्रकार की हिंसा और कठिनाइयों में महिलाओं को तत्काल बचाव, सलाह और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए वलसाड जिले में स्थापित की गई है। केवल 8 वर्षों में, 15978 से अधिक महिलाओं को घरेलू हिंसा या अन्य प्रकार की हिंसा, दुर्व्यवहार या महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामलों में सलाह, तत्काल बचाव और मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। वहीं 181 अभयम ने 24 घंटे काम करते हुए आपातकालीन स्थिति में बचाव वैन के साथ तुरंत मौके पर पहुंचकर वलसाड जिले में 3798 महिलाओं को सहायता प्रदान की है।
 हिंसा की शिकार महिलाओं के डर को दूर करने और उनके आत्मसम्मान को बनाए रखने के लिए तमाम प्रकार की सेवा, जैसे चिकित्सा सहायता, कानूनी मार्गदर्शन, पुलिस सहायता, सामाजिक परामर्श और अस्थायी आश्रय एक छत के नीचे मिलती रहे, उसके लिए भारत सरकार पुरस्कृत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर लागू किया गया है। वलसाड के सिविल अस्पताल परिसर में स्थित ट्रॉमा सेंटर में संचालित इस सेंटर द्वारा जनवरी 2019 से फरवरी 2023 तक जिले की 789 महिलाओं को घरेलू व यौन हिंसा के मामलों में सहायता प्रदान की है।
महिलाओं की आत्मरक्षा के लिए गुजरात सरकार द्वारा थाना आधारित सहायता केंद्र की योजना लागू की जा रही है। जिसमें नारीवादी अभिगम के साथ काउंसिलिंग, मार्गदर्शन व घरेलू हिंसा, लैंगिक भेदभाव, सामाजिक असमानता तथा अन्य समस्याओं से पीड़ित महिलाओं की आवश्यकता और इच्छा को प्राथमिकता देकर आत्मविश्वास का निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। घर की बात घर में रखने की मंशा से महिला के मामले का पूरा विवरण गोपनीय, विश्वसनीय और निष्पक्ष रखा जाता है। वर्ष 2017-2018 से जनवरी 2023 तक वलसाड पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं वापी नगर थाना में संचालित इन केन्द्रों के माध्यम से जिले की 976 संकटग्रस्त महिलाओं की पीड़ा को साझा कर उनके जीवन में खुशहाली लायी गयी तथा परिवार व समाज में एक गरिमापूर्ण जीवन प्रदान करने का प्रयास किया गया।
181 अभयम मोबाइल एप्लिकेशन कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के लिए एक समाधान बन गया है:-
181 अभयम मोबाइल एप्लिकेशन को उन्नत तकनीक का उपयोग कर बनाया गया है ताकि महिलाओं को कठिन परिस्थितियों में तत्काल मदद मिल सके। इस ऐप को मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद फोन में पैनिक बटन दबाकर हेल्पलाइन की मदद ली जा सकती है। मोबाइल फोन को जोर से हिलाकर भी कॉल की जा सकती है ताकि आपातकालीन समय में बिना कॉल किए मदद पहुंचाई जा सके। अगर महिला घटना स्थल से मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए फोन करती है तो गूगल मैप पर उसकी सही लोकेशन मिल जाएगी। ऐप में 181 का बटन दबाते ही मुसीबत में फंसी महिला के पांच रिश्तेदारों या दोस्तों को एक ऑटोमेटिक एसएमएस मैसेज मिल जाएगा। आवेदन के माध्यम से कॉल करने वाली महिला के तीन पते (1) कॉल का स्थान, (2) दूरसंचार सेवा प्रदाता के पास पंजीकृत पता और (3) आवेदन पंजीकरण के समय उल्लिखित पता हेल्पलाइन सेंटर में एक साथ मिल जाएगा। इसके अलावा महिलाएं घटना स्थल की फोटो व वीडियो एप के माध्यम से अपलोड कर साक्ष्य के तौर पर हेल्पलाइन सेंटर भेज सकती हैं।

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