
बंधु भावना के जैसे भगिनी भाव भी नारी कल्याण का एक महत्वपूर्ण कारक है, इस विचार को सभी को मानना चाहिए – कलेक्टर श्री क्षिप्रा आग्रे
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में वलसाड स्थित श्री विद्यामृत वर्षिणी पाठशाला एवं त्रयम फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से विद्यालय प्रांगण में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वलसाड जिला कलक्टर श्री क्षिप्रा आग्रे अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, उन्होंने सभी से इस विचार को स्वीकार करने की अपील की कि बंधुत्व भावना के जैसे भगिनी भाव भी महिलाओं के संपूर्ण कल्याण में एक महत्वपूर्ण कारक है। वलसाड जिला कई वर्षों से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय है और समाज के लिए अपने कर्तव्य के माध्यम से साहित्य और लेखन के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया है। और वलसाड शहर की ऐतिहासिक पहचान स्थापित करने में प्रतिभाशाली लेखिकाओं ने प्रमुख भूमिका निभाई है। इन प्रतिभाशाली साहित्यकार “नव महिला नगर रत्नो” को शाल ओढ़ाकर, स्मृति चिन्ह और पुस्तक देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कलेक्टर ने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए समाज में महिलाओं द्वारा लिखे गए साहित्य के पठन-पाठन पर चिंता जताते हुए संदेश दिया कि अधिक से अधिक महिलाएं लेखन के प्रति जागरूक हों। जिला में से पुरस्कृत महिलाओं में नयनाबेन देसाई, बकुलाबेन घासवाला, डॉ. राधिकाबेन टिक्कू, आशाबेन शाह, सुनीतिबेन कारुणकर, डॉ. तृप्तिबेन साकारिया, अल्पाबेन नायक मोदी,किंजलबेन पंड्या और बिजल तणेकर शामिल हैं। इन सभी महिलाओं को लेखन और साहित्य के क्षेत्र में औसतन 7 साल से 53 साल का अनुभव है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वलसाड जिले के प्रतिभाशाली महिला लेखकों और लेखिकाओं को एक मंच पर लाना था ताकि उनकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए समाज के सामने उनके काम को बढ़ावा दिया जा सके। साहित्य और लेखन पर काम करने वाली संस्थाएं श्री विद्यामृत वर्षिणी पाठशाला और त्रयम फाउंडेशन हैं। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाले दिग्गज लेखकों और लेखन के क्षेत्र में शुरुआत करने वालों को समाज में बढ़ावा देने का फैसला किया है।
इस अवसर पर सम्मानित महिला लेखिका नयनाबेन अमरतभाई देसाई ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं के काम को नोट करना बेहद खुशी की बात है। आशाबेन वीरेंद्रभाई शाह ने कहा कि इस क्षेत्र में काम करते हुए यह महसूस किया गया है कि साहित्य ने हमारी सेवा की है।
इस शुभ अवसर पर श्री विद्यामृत वर्षिणी पाठशाला परिसर की बाहरी दीवार पर संस्कृति से जुड़े और राष्ट्र निर्माण में मौलिक भूमिका निभाने वाले गणमान्य व्यक्तियों के चित्र बनाकर जनजागरण के लिए समाज को अर्पण किया गया। इस कार्य में चैताली राजपूत द्वारा सराहनीय प्रयास कर दीवार चित्रों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया तथा दीवार चित्रों की गरिमा बनाये रखने के उद्देश्य से नगर पालिका के मुख्य अधिकारी ने भी सहयोग कर कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस नेक कार्य के लिए चैतालीबेन को कलेक्टर के हाथों स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर त्रयम फाउंडेशन की प्रतिनिधि डॉ. भैरवी जोशी द्वारा वलसाड की महिला लेखिकाओं को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया था और इस प्रस्ताव मानकर श्री विद्यामृत वर्षिणी पाठशाला की प्रतिनिधि निधि भट्ट ने इस कार्यक्रम को संयुक्त रूप से किया। अंत में कलेक्टर द्वारा अनुरोध किया गया कि महिलाओं की ऐसी अनूठी उपलब्धियों को पुरस्कृत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संस्था के कार्यकारी सदस्य निधि भट्ट, निनाद भट्ट, विभा देसाई, लाइब्रेरियन राधा जानी, शीला वैद्य, खुशबू वैद्य व रतिलाल पटेल ने काफी मेहनत की। कार्यक्रम का संचालन नितेश सोलंकी ने किया।