स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वलसाड जिला पंचायत की रोड का किए गए कार्यों का बाकी फाइनल बिल मंजूर करने बदले नायब कार्यपालक व असिस्टेंट अभियंता की तरफ से बिचौलिया द्वारा 15 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार बिचौलिए ने स्पेशल कोर्ट में जामीन याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के दलीलों को स्वीकार करते हुए स्पेशल कोर्ट ने जमानत आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दिया।
वलसाड जिला में रोड के कार्यों के लिए कॉन्ट्रैक्टर द्वारा जिला पंचायत में भुगतान के लिए बिल दिया गया था, जबकि यह बिल 10 महीने से पेंडिंग था। इस बकाया बिल को देने के लिए कॉन्ट्रैक्टर द्वारा निवेदन किया गया था, जहां पर असिस्टेंट अभियंता अनिरुद्ध चौधरी के साथ बातचीत होने के बाद चौधरी ने कहा कि नायब कार्यपालक अभियंता एन बी नायक आयेंगे तो मैं बात करूंगा। जबकि पौने दो करोड़ रुपये का बिल पास कराने के लिए असिस्टेंट अभियंता के साथ मोबाइल पर बहुत बहस हुई और अंत में 15 लाख रुपये देने के लिए तय हुआ। परंतु शिकायत कर्ता कॉन्ट्रैक्टर 15 रूपये की रिश्वत नहीं देना चाहता था और उसने सूरत एसीबी में 5 जनवरी 2023 को नायब कार्यपालक अभियंता व असिस्टेंट अभियंता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दिया। जिसके आधार पर सूरत एसीबी ने 9 जनवरी को वलसाड जिला पंचायत के सामने अपनी टीम को तैनात कर दिया। जहां पर बिचौलिए के रूप में बिक्रम पटेल नामक व्यक्ति शिकायत कर्ता (कॉन्ट्रैक्टर) के पास से 15 रूपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। इस केस में एसीबी ने आरोपी बिक्रम पटेल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया। आरोपी ने जेल से छूटने के लिए वलसाड स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के असरदार दलीलों को स्वीकार करते हुए स्पेशल जज टी. वी. आहूजा ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।