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ग्लोबल फूड सिक्योरिटी के लिए संघर्ष कर रहे विश्व में ‘श्री अन्न’ बहुत बड़ी सौगात: PM मोदी

“श्री अन्न ” अर्थात मिलेट्स का मार्केट बढ़ने से 2.6 करोड़ किसानों की आय में होगी बढ़ोत्तरी

स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो ,
नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शनिवार 18 मार्च, 2023 को नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी) स्थित सुब्रमण्यम हॉल में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन पर स्मारक डाक टिकट और मिलेट्स 2023 के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के आधिकारिक सिक्के का भी अनावरण किया। पीएम मोदी ने इस दौरान केंद्र सरकार के श्री अन्न (मोटा अनाज) अभियान को भारत में समग्र विकास का माध्यम बताते हुए कहा कि ग्लोबल फूड सिक्योरिटी के लिए संघर्ष कर रहे विश्व में ‘श्री अन्न’ बहुत बड़ी सौगात है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे 2.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक आंदोलन के रूप में ‘श्री अन्न’ को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है।

6 देशों की कृषि मंत्रियों ने लिया हिस्सा:-

पीएम मोदी ने सबसे पहले विदेशों से आए हुए मंत्रीगणों जिनमें गुयाना, मालदीव, मॉरिशियस, श्री लंका, सुडान, सूरीनाम और गाम्बिया के मंत्री शामिल थे और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कृषि, पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक, एक्सपर्ट्स, विविध एफपीओ और स्टार्टअप्स के युवाओं और देश के कोने-कोने से जुड़े लाखों किसानों का को अपनी ओर से ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी।

‘इस तरह के आयोजन ग्लोबल गुड के लिए जरूरी’:-

पीएम मोदी ने कहा, इस तरह के आयोजन न केवल ग्लोबल गुड के लिए जरूरी है बल्कि ग्लोबल गुड में भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। उन्होंने विशेष रूप से आगे जोड़ते हुए कहा, आप भी जानते हैं कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स (श्री अन्न) वर्ष घोषित किया है।

किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम’:-

पीएम ने कहा, जब हम ऐसे किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है। मुझे खुशी है कि आज विश्व जब अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स (श्री अन्न) वर्ष मना रहा है तो भारत इस अभियान की अगुवाई कर रहा है। ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस इसी दिशा का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें मिलेट्स की खेती, उससे जुड़ी अर्थव्यवस्था, हेल्थ पर उसके प्रभाव, किसानों की आय ऐसे अनेक विषयों पर सभी विद्वान और अनुभवी लोग विचार विमर्श करने वाले हैं। इसमें ग्राम पंचायतें, कृषि केंद्र, स्कूल, कॉलेज और एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज भी हमारे साथ शामिल है।

‘श्री अन्न केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं’:-

पीएम ने कहा,मिलेट्स की ग्लोबल ब्रांडिंग कॉमन ब्रांडिंग को देखते हुए भारत में मिलेट्स या मोटे अनाज को अब “श्री अन्न “की पहचान दी गई है। श्री अन्न केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है। जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित है वो ये भी जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे ‘श्री’ ऐसे ही नहीं जुड़ता। जहां श्री होती है वहां समृद्धि भी होती है और समग्रता भी होती है।

‘श्री अन्न भारत में समग्र विकास का एक माध्यम बन रहा है’:-

श्री अन्न भी भारत में समग्र विकास का एक माध्यम बन रहा है। इसमें गांव भी जुड़ा है, गरीब भी जुड़ा है। श्री अन्न यानि देश के छोटे किसानों की समृद्धि का द्वार, श्री अन्न यानि देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार, श्री अन्न यानि देश के आदिवासी समाज का सत्कार, श्री अन्न यानि कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार, श्री अन्न यानि केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार, श्री अन्न यानि क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने में मददगार। पीएम ने कहा हमने श्री अन्न को ग्लोबल मूवमेंट बनाने के लिए लगातार काम किया है। 2018 में हमने मिलेट्स को न्यूट्रीशंस को तौर पर घोषित किया था। इस दिशा में किसानों को जागरूक करने से लेकर बाजार में इंटरेस्ट पैदा करने तक हर स्तर पर काम किया गया।

‘हमारे यहां 12-13 राज्यों में प्रमुखता से मिलेट्स की खेती होती है’:-

हमारे यहां 12-13 राज्यों में प्रमुखता से मिलेट्स की खेती होती है लेकिन इनमें घरेलू खपत प्रति व्यक्ति, प्रतिमाह 2-3 किलो से ज्यादा नहीं थी। आज ये बढ़कर 14 किलो प्रतिमाह हो गई है। मिलेट्स फूड प्रोडक्ट्स की बिक्री भी करीब 30 प्रतिशत बढ़ी है। अब जगह मिलेट्स कैफे नजर आने लगे हैं। मिलेट्स से जुड़ी रेसिपीज के सोशल मीडिया चैनल्स बन रहे हैं।

‘श्री अन्न उगाने वाले ज्यादातर किसान, छोटे किसान हैं’, श्री अन्न का मार्केट बढ़ने से किसानों की आय में होगी बेहतरीन बढ़ोत्तरी:-

पीएम ने कहा, भारत का मिलेट्स मिशन श्री अन्न के लिए शुरू हुआ ये अभियान देश के ढाई करोड़ किसानों के लिए वरदान साबित होने जा रहा है। आजादी के बाद पहली बार मिलेट्स पैदा करने वाले ढाई करोड़ छोटे किसानों की इतनी बड़ी मात्रा में सुद ली है। जब मिलेट्स श्री अन्न का मार्केट बढ़ेगा तो इन ढाई करोड़ छोटे किसानों की आय बढ़ेगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बहुत लाभ मिलेगी। प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड आइटम के जरिए मिलेट्स अब स्टोर्स और मार्केट तक भी पहुंच रहा है।

‘महिलाएं भी मिलेट्स के उत्पाद बना रही हैं’:-

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ही देश में श्री अन्न पर काम करने वाले 500 से ज्यादा स्टार्टअप भी बने हैं, बड़ी संख्या में एफपीओ इस दिशा में आगे आ रहे है। स्वयं सहायता समूहों के जरिए महिला भी मिलेट्स के उत्पाद बना रही है। गांव से निकलकर ये प्रोडक्ट, मॉल और सूपरमार्केट तक पहुंच रहे हैं।

‘विश्व के प्रति कर्तव्य भावना और मानवता की सेवा का संकल्प सदैव भारत के मन में रहा है’:-

पीएम ने कहा भारत इस समय G20 का प्रेसिडेंट भी है। भारत का मोटो है-वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर। पूरे विश्व को एक परिवार मानने की यह भावना इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर में भी झलकती है। विश्व के प्रति कर्तव्य भावना और मानवता की सेवा का संकल्प सदैव भारत के मन में रहा है। पीएम ने कहा, जब हम योग को आगे लेकर बढ़े तो हमने ये भी सुनिश्चित किया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए पूरे विश्व को उसका लाभ मिले। पीएम ने कहा मुझे खुशी है कि आज दुनिया के 100 ज्यादा देशों में योग को अधिकृत रूप से बढ़ावा मिल रहा है। आज दुनिया के 30 से ज्यादा देश आयुर्वेद को भी मान्यता दे चुके हैं। इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के रूप में आज भारत का ये प्रयास सस्टेनेबल प्लेनेट के लिए एक प्रभावी मंच का काम कर रहा है। ये भी भारत के लिए खुशी की बात है कि ISA से भी 100 से ज्यादा देश जुड़ चुके हैं।

खराब पोषण एक बहुत बड़ा चैलेंज’:-

पीएम ने बताया, जब हम फूड सिक्योरिटी की बात करते हैं तो हम जानते हैं कि आज दुनिया दो तरह की चुनौतियों से जूझ रही है। एक तरफ ग्लोबल साउथ है जो अपने गरीबों की फूड सिक्योरिटी को लेकर चिंतित है। दूसरी तरफ ग्लोबल नॉर्थ का हिस्सा है, जहां फूड हैबिट से जुड़ी बीमारियां एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। यहां खराब पोषण एक बहुत बड़ा चैलेंज है। यानि एक तरफ फूड सिक्योरिटी की समस्या तो दूसरी तरफ फूड हैबिट की परेशानी। दोनों ही जगहों पर इस बात की चिंता जताई जा रही है कि पैदावार के लिए भारी मात्रा में केमिकल इस्तेमाल हो रहा है लेकिन श्री अन्न ऐसी हर समस्या का भी समाधान देते हैं।
पीएम मोदी ने भारत के वैज्ञानिकों व कृषि क्षेत्र के जानकारों से आग्रह करते हुए कहा, हमें इसे बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना होगा। हमें हर साल के लिए अचिवेबल टारगेट सेट करने होंगे। देश ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बूस्ट देने के लिए पीएलआई स्कीम भी शुरू की है।

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