उत्तर भारतीय समाज संवाद:-मुंबई । उत्तर भारतीय समाज अपनी राजनीति को कहाँ और कैसे संजोये, इस बात की राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं । इसमें शक नहीं कि आम उत्तर भारतीय समाज का झुकाव अभी भाजपा की ओर है। उत्तर भारतीय समाज के कई बड़े नेता भी भाजपा से जुड़े हुए हैं। और कई उत्तर भारतीयों ने मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी ज्वाइन की है। लेकिन महाविकास अघाड़ी ने भी अपने प्रयत्न तेज कर दिए हैं। इस सिलसिले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री चंद्रकांत त्रिपाठी का पिछले दिनों पहले हिंदी अखबार महानगर को दिया इंटरविव अघाडी की आगे की रणनीति को बहुत स्पष्ट करता है।
इंटरव्यू में श्री त्रिपाठी ने कहा है कि –“ मुझे विश्वास है कि आगामी चुनावों में मुंबई का उत्तर भारतीय समाज अघाड़ी का साथ देगा। २०१४ के लोकसभा चुनाव में समाज के ९० फीसदी लोगों ने भाजपा का साथ दिया था। लेकिन समाज को वैसा कोई महाव नहीं मिला जो उसे मिलना चाहिए था। समाज की स्थिति ठन-ठन गोपाल की ही है।
बनिस्बत भाजपा के, उत्तर भारतीय समाज और उसके नेताओं की स्थिति अघाड़ी में ज्यादा मज़बूत रहनेवाली है। एक तो, अघाड़ी के नेता श्री उद्धव ठाकरे सज्जन नेता हैं। उनके मन में किसी भी समाज के लिए कोई भेद-भाव नहीं। मुंबई का ९० फीसदी मराठी समाज भी उनके साथ है। उत्तर भारतीय समाज श्री ठाकरे के साथ आये तो उत्त्तर भारतीय समाज का मराठी समाज से रिश्ता मज़बूत होता है। जो उत्तर भारतीयों के विकास और बढ़ाव में हर तरह से उपयोगी होगा। उत्त्तर भारतीय समाज को उत्तर भारत की किसी रुझान के बदले, मुंबई की परिस्थिति के हिसाब से चलना चाहिए।
“ अच्छाई यह भी है कि अघाड़ी में श्री शरद पवार की सशक्त मौजूदगी है। श्री पवार देश के बड़े नेता हैं। उनकी बड़ी समझ है। उनके साथ भी बेहतर जुड़ाव उत्त्तर भारतीय समाज को और मज़बूत करेगा। उत्त्तर भरतीय समाज का एक बड़ा हिस्सा आज पश्चिम महाराष्ट्र सहित महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों में भी रह रहा है। और, तेजी से विकसित हो रहा है। मुंबई महाराष्ट्र में आये सभी उत्तर भारतीयों के प्रवास की मूलभूमि है। इसलिए मुंबई के हिन्दीभाषी समाज को समाज के व्यापक हिट में सोचना चाहिए। यह निर्णायक वक्त है जब मुंबई का उत्तर भारतीय समाज समूचे महाराष्ट्र के लिए मराठी समाज से अभिन्नता का रिश्ता बना सकता है।
“ रही मुंबई में कांग्रेस की स्थिति? तो वह पार्टी द्वारा सही नेताओं को तरजीह न देने और गलत नेताओं को प्रमोट करने से बनी है। उम्मीद की जा सकती की यह स्थिति बदलेगी। कांग्रेस का वोट अभी २८-३० फीसदी के आसपास बना हुआ है। अघाड़ी के साथ मिल क्र यह और मज़बूत होगा। और, कोई अचम्भा नहीं कि मनपा चुनाव में भाजपा को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़े। ”
श्री त्रिपाठी ने इस बात को भी गलत बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कांग्रेस को कमजोर करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम करके उन्होंने देखा है कि पवार साहब की कभी कोई ऐसी मंशा नहीं रही। उल्लेखनीय है कि श्री उद्धव ठाकरे को मज़बूती देने के सिलसिले में उत्तर भारतीय समाज के कुछ लोगों द्वारा जो एक-दो बैठकें की गयीं , उनमें श्री त्रिपाठी प्रमुखता से उपस्थित थे। अंधेरी की बैठक में उन्होंने कहा- “ मेरे लिए समाज का हित सर्वोपरि है। मेरे निजी हित-अनहित से मेरी राजनीति तय नहीं होती। मैं मंत्री था तो भी मैंने इसी भाव से काम किया था। मुंबई राष्ट्रवादी पार्टी का अध्यक्ष था तो भी मेरे लिए यही भाव और विचार सर्वोपरि था। और, आज समाज के वरिष्ठ नेता के तौर पर भी मैं अपना यही कर्तव्य मानता हूँ कि समाज के सुख-दुःख में बहुत सच्चे मन से उसके साथ खड़ा होऊं।