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“हेल्थ फॉर आल” की थीम के साथ डिजिटल इंडिया में आभा कार्ड केंद्र सरकार की नई पहल 

अब देश में कहीं भी मात्र 14 अंकों के स्वास्थ्य खाता संख्या से तत्काल निदान और उपचार उपलब्ध है:-
साथ ही मेडिकल फाइल को सालों तक रखने और अपने साथ अस्पताल ले जाने के झंझट से भी मुक्ति मिली:-
आपातकालीन स्थितियों में तत्काल उपचार के लिए व्यक्ति का चिकित्सा इतिहास अब उंगलियों पर उपलब्ध होगा:-
वलसाड जिले में 2.80 लाख के लक्ष्य के मुकाबले केवल 100 दिनों में 295,227 लोगों के आभा कार्ड बनाए गए:-
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष लेख:-
जिग्नेश सोलंकी,
स्टार मीडिया न्यूज वलसाड,
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के किसी भी हिस्से में अगर आप घूमने गए हैं और आपको अचानक दिल का दौरा पड़ता है या चक्कर आने के बाद गिर पड़ते हैं या आपात स्थिति के कारण बेहोशी आती है, तो तत्काल उपचार के लिए अपना मेडिकल इतिहास उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसके अलावा डॉक्टर के पास रुटीन चेकअप के लिए जाते समय भी सारे रिकॉर्ड वाली फाइल साथ लेकर चलना और उसे सालों तक सहेज कर रखना जरूरी होता है। परंतु अब इन सभी कठिनाइयों को समाप्त करने के लिए ABHA (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) कार्ड भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है ताकि देश के सभी नागरिक डिजिटल इंडिया के युग में कागज रहित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। जिसके जरिए डॉक्टर को सिर्फ एक क्लिक पर मेडिकल से जुड़ी सारी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। आज 7 अप्रैल को पूरे विश्व में हेल्थ फॉर ओनली की थीम पर स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। वहीं केंद्र सरकार द्वारा लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के साथ आभा कार्ड की यह पहल एक सराहनीय कदम के रूप में लिखी जाएगी।
प्राचीन ग्रंथ यजुर्वेद में “सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:” अर्थात सब सुखी हों, सब निरोगी हों… इस श्लोक का सही अर्थ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी ने दिखाया है। आयुष्मान भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य क्षेत्र में रु. 5 लाख तक का मुफ्त इलाज, जन औषधि केंद्र, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, गांव से गांव स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, तकनीक और सुविधाओं वाले सरकारी अस्पताल जो प्रतिद्वंद्वी निजी अस्पतालों ने आज के समय में स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र को बदल दिया है। आज के समय में उंगली घुमाते ही एक छड़ में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मिल जाये,इसके लिए डिजिटल इंडिया के हिस्से के रूप में भारत सरकार 27 सितंबर 2021 को आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य है कि देश के सभी नागरिकों को डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करना है। जिससे मेडिकल संबंधित सभी रिकॉर्ड  आसानी से प्राप्त हो जाये। जिसके अंतर्गत सभी लोगों के लिए 14 अंकों का आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) कार्ड बनाया जा रहा है, जो हर नागरिक के लिए उपयोगी होगा। डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाते समय मेडिकल हिस्ट्री इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है लेकिन सभी पिछली मेडिकल रिपोर्ट को रखना और उन्हें सालों तक सहेज कर रखना मुश्किल होता है, ऐसे समय में आभा कार्ड काम आता है। जिसमें मरीज का पूरा डाटा स्टोर किया जाता है। अब सारे रिकॉर्ड सेव करने की जरूरत नहीं है, सिर्फ अपना 14 अंकों का हेल्थ अकाउंट नंबर याद रखना जरूरी है। जिसे भारत में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वलसाड जिले में स्वास्थ्य शाखा द्वारा मात्र 100 दिन में 2.80 लाख के लक्ष्य के सामने 295227 आभा कार्ड बनाये गये हैं। इससे अब मरीज को इलाज कराने में आसानी होगी।
आभा कार्ड कैसे बनाये ?
स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) असंक्रामक रोगों की जांच के दौरान आभा कार्ड बनाकर देते हैं। महिला हेल्थ वर्कर TECHO (टेक्नोलॉजी इनेबल्ड कम्युनिटी हेल्थ ऑपरेशन) एप्लिकेशन में प्रवेश करके बनाया जाता है। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्रों पर क्यूआर कोड स्कैन करके और पीएमजेएवाई कार्ड बनाते समय भी आभा कार्ड बनाया जाता है। केवल नामांकन संख्या उत्पन्न करने के लिए आभा कार्ड बनाने के लिए मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर की आवश्यकता होती है। आभा स्वास्थ्य कार्ड आधिकारिक वेबसाइट (www.healthid.ndhm.gov.in) के माध्यम से और आभा मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी ऑनलाइन बनाया जा सकता है।
अस्पताल या डिस्पेंसरी प्रशासकों द्वारा आभा कार्ड में मरीजों का डाटा स्टोर करना पड़ता है :- अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी
वलसाड जिला अतिरिक्त स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विपुल गामीत ने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट तब काम आएगा जब आप बाहर हों और नजदीकी अस्पताल में इलाज के दौरान अचानक सीने में दर्द हो। यदि कोई व्यक्ति आभा कार्ड खोलता है, क्या उसकी कोई पिछली सर्जरी हुई है, किसी दवा से एलर्जी है, वह वर्तमान में कौन सी दवा ले रहा है, क्या उसे पहले PMJAY योजना से लाभ हुआ है ? ब्लड टेस्ट रिपोर्ट, डॉक्टर के पर्चे, सिटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट और हॉस्पिटल डिस्चार्ज सारांश सहित सभी जानकारी तुरंत उपलब्ध हैं। जिसके अनुसार उचित उपचार किया जा सकता है। रोगी का यह सारा डाटा जो उस अस्पताल या औषधालय के प्रशासकों को रोगी के आभा कार्ड में संग्रहित करना होता है। अब इलाज के दौरान मेडिकल रिपोर्ट ढूंढने या फाइल ले जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। आभा कार्ड से कोई भी अपनी रिपोर्ट डॉक्टर के साथ शेयर कर इलाज करा सकता है।
देश में डिजिटल हेल्थ ईको सिस्टम बनाया गया है:- मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी
वलसाड जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केपी पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य जीवन में सभी प्रकार की सफलता और समृद्धि का आधार है, इसीलिए इसे स्वास्थ्य ही धन कहा जाता है। सभी नागरिक स्वस्थ रहेंगे तो हमारा देश स्वस्थ रहेगा। इसलिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पूरे देश में एक डिजिटल हेल्थ ईको सिस्टम बनाया है। जिसमें आभा कार्ड एक महत्वपूर्ण पहल है। जो व्यक्ति की एक मजबूत और विश्वसनीय पहचान स्थापित करता है। आभा कार्ड सरकार के जन स्वास्थ्य कार्यक्रमों और बीमा योजनाओं की सुविधा का भी लाभ उठा सकता है।

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