स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
मुंबई। ऑस्कर अवार्ड जीतकर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली डॉक्युमेंट्री द एलीफेंट व्हिस्परर्स एक ऐसी फिल्म है, जो वन्यजीवों के प्रति मानवीय संवेदनाओं का न सिर्फ प्रगटीकरण है, अपितु यह जीवन संघर्ष की दिशा में भी प्रेरणादायक है। लोढ़ा पार्क व्यूइंग रूम में आयोजित स्क्रीनिंग समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में बोलते हुए देश की सुप्रसिद्ध साहित्यकार तथा लोढ़ा फाउंडेशन की चेयरमैन डॉ मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि फिल्म से जुड़े हुए सभी लोग बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि कभी हाथी की 170 प्रजातियां थी जो अब घटकर मात्र 2 रह गई है। उन्होंने कहा कि रौनक बजाज और उनकी मां दीपा बजाज से मिलकर गौरव की अनुभूति हुई। कार्यक्रम में सम्मानित अतिथियों के रूप में उपस्थित संदीप सोपारकर, मिकी मेहता, सिमरन आहूजा, पंडित सुखदेव चतुर्वेदी, राखी चतुर्वेदी, अनुराधा गोरे, नीला, निर्मला दोषी, सुमित्रा सिंह, अर्चना माधव, शिल्पा, सरिता राठौड़, शीतल, अनुजा जवेरी तथा गंगा गंगोत्री काव्य मंच के सदस्यों का भी स्वागत सम्मान किया गया।