स्टार मीडिया ब्यूरो । दो सदी तक दुनिया का सबसे अधिक मानव आबादी वाले देश की कुर्सी पर विराजमान चीन ने 14 अप्रैल को वैशाखी के दिन जब अपना वह दर्जा गंवा दिया जब भारत में गर्भवती महिलाओं वैष्णवी लोगबीरन ने अपने दूसरे बच्चे और मलिका बेगम ने अपनी चौथी संतान को जन्म दिया। अब भारत दुनिया का सबसे अधिक मानव आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने अनुमान में कहा कि भारत की जनसंख्या चीन 1.426 अरब से आगे निकल गई। अब भारत की जनसंख्या 143 करोड़ से अधिक है। दुर्भाग्य से क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत रूस, कनाडा, चीन अमेरीका, ब्राज़ील और ऑस्ट्रेलिया के बाद सातवें नंबर पर है। भारत के पास विश्व की समस्त भूमि का केवल 2.4 फ़ीसदी हिस्सा ही है, जबकि विश्व की जनसंख्या का 16.7 फ़ीसदी हिस्सा इस देश में रहता है। भारत की आबादी 1,430,877,989 है। पुरुषों की संख्या 738,800,084 और महिलाओं की संख्या 692,077,905 है। चीन का क्षेत्रफल भारत से तीन गुना है। लेकिन मानव आबादी के मामले में भारत दुनिया का सरताज़ बन गया है।
आबादी पर नज़र रखने वाली सरकार की अधिकृत बेवसाइट सेंसस इंडिया के मुताबिक़ देश में हर घंटे 3080 से ज़्यादा बच्चे पैदा हो रहे हैं, जबकि मृत्यु दर प्रति घंटे 1099 से भी कम है। यानी आबादी की भीड़ में क़रीब दो हज़ार लोग हर घंटे बढ़ रहे हैं, जो किसी बड़ी कंपनी में कर्मचारियों की संख्या के बराबर है। हर घंटे पैदा हो रहे बच्चों के लिए भविष्य में रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ, शिक्षा और रोज़गार की व्यवस्था करना बहुत बड़ी गंभीर समस्या बन रही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट ‘वर्ल्ड पॉप्युलेशन प्रोस्पेक्ट्स-दी 2012 रिवाइज्ड’ में कहा गया था कि 2028 तक भारत की आबादी चीन से ज़्यादा हो जाएगी। लेकिन भारतीयों ने पांच साल पहले ही वह ‘कारनामा’ कर दिखाया ।