स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
मुंबई। मुंबई विश्वविद्यालय प्रतिष्ठान में कुल 1100 अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 250 कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के 1 सितंबर 2022 से मौखिक निर्देश देकर उनकी छटनी की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उक्त प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद करीब 108 कर्मचारी एकजुट हुए और औद्योगिक न्यायालय, बांद्रा में मुकदमा दायर किया गया था। प्रथम सुनवाई में कोर्ट ने स्थगन आदेश दे दिया। दूसरी सुनवाई में, इन 108 अस्थायी कर्मचारियों को सेवा में फिर से शामिल होने के लिए 1 सितंबर 2022 से अब तक का वेतन भुगतान करने का आदेश 16 नवंबर 2022 को दिया गया था। परंतु विवि प्रशासन कोर्ट के इस आदेश का संज्ञान लिए बिना इन कर्मचारियों को पुनः रोजगार पर नहीं लगाया गया। जबकि उक्त कर्मचारी निम्न आय वर्ग के हैं और अचानक बेरोजगारी के कारण उसके परिवार पर भुखमरी का संकट आ गया है।
विवि के इन कर्मचारियों ने सांसद गजानन कीर्तिकर से मुलाकात की और अपनी पीड़ा बयां की। वहीं सांसद गजानन कीर्तिकर इन कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए आश्वासन दिया। इसके बाद श्री कीर्तिकर, महाराष्ट्र के नवनियुक्त राज्यपाल श्री. रमेश बैस से आज कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और एक बयान प्रस्तुत किया। इस संबंध में राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि इन कर्मचारियों की बहाली के लिए सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर सांसद गजानन कीर्तिकर के साथ स्थानीय शिवसेना पदाधिकारी वैभव भरडकर एवं कर्मचारी प्रतिनिधि गोपाल सुतार, संतोष नेपाले, भागीरथी कांबले, दत्तात्रेय तेली आदि मौजूद थे।