चूंकि पृथ्वी ब्रह्मांड में एकमात्र जीवित ग्रह है, इसलिए इसकी रक्षा करने का आग्रह किया गया
प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय चार R रिड्यूस, रियूज, रीसायकल और रिफ्यूज को ध्यान में रखना चाहिए
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर में पृथ्वी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला विज्ञान केंद्र के शिक्षा अधिकारी प्रज्ञेश राठौड़ ने विद्यार्थियों को बताया कि इस वर्ष पृथ्वी दिवस समारोह की थीम “इन्वेस्ट इन अवर प्लेनेट” है। विश्व में पृथ्वी दिवस 1970 से मनाया जा रहा है और यह पृथ्वी दिवस का 53वां वर्ष है। विश्व के लोगों को पृथ्वी और पर्यावरण के महत्व से अवगत कराने के लिए हर साल पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ग्रह है जिसमें जीवित जीव हैं। इस ग्रह को आने वाली पीढ़ियों के लिए रहने योग्य और सुरक्षित बनाने के लिए हम सभी को पेड़ लगाने चाहिए और ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण को रोकने के उपाय करने चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय चार R रिड्यूस, रियूज, रीसायकल और रिफ्यूज को ध्यान में रखना चाहिए।
शिक्षा प्रशिक्षु शिवानी गरासिया और वंदना राजगोरे द्वारा पृथ्वी दिवस पर एक ओपन हाउस क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। कबाड से जुगाड़ में रद्दी कागज व अन्य सामान से सुंदर सामान बनाया गया। बच्चों को पृथ्वी के क्षेत्र के अध्ययन के माध्यम से पृथ्वी पर महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थानों, उष्णकटिबंधीय, भूमध्य रेखा, ध्रुवों और अक्षांश और देशांतर की समझ दी गई। पृथ्वी ग्रह के बारे में एक वृत्तचित्र फिल्म दिखाई गई।
जिला विज्ञान केंद्र में छात्रों को औषधीय पौधों की व्यापक समझ और पहचान भी दी गई। जिला विज्ञान केंद्र के इनोवेशन हब में बायर वापी प्रा. लिमिटेड के सहयोग से 3डी प्रिंटिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में मेंटर्स राहुल शाह और गायत्री बिष्ट ने छात्रों को कैड-कैम के बारे में जानकारी दी और बताया कि 3डी प्रिंटर कैसे काम करता है। छात्रों ने 3डी प्रिंटिंग के लाभों और एयरोस्पेस और चिकित्सा में इसके अनुप्रयोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी को समझा। उन्होंने सीएडी सॉफ्टवेयर पर 3डी डिजाइन बनाया और प्रिंटर से 3डी मॉडल बनाया।
आईटीआई धरमपुर के छात्रों को ऑन-जॉब ट्रेनिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिए गए। रात्रि को आकाश दर्शन कार्यक्रम में दूरबीन के माध्यम से चंद्रमा, मंगल और हिरण नीहारिका को देखा गया। पूरे कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्रों और आगंतुकों ने भाग लिया।