
लखनऊ/ उत्तर प्रदेश पुलिस महकमें में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है । अतीक हत्याकांड के बाद से पुलिस की जिस प्रकार के किरकिरी हो रही है उसी से पुलिसिया कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। जहां एक तरफ मृतक अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम को तलाशने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है, वही अतीक हत्याकांड में शामिल तीन शूटरों द्वारा सही खुलासे का पुलिस द्वारा मीडिया से सच छुपाकर गुमराह करने का जो कार्य चल रहा है, उससे पुलिस महकमे की नाकामी और निरंकुशता उजागर हो रही है। जानकार मानते हैं कि पुलिस विभाग में इस समय सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। यूपी एसटीएफ की कार्यप्रणाली सदैव विवादों के घेरे में रहती है । एसटीएफ पर कई बार अपराधियों का सहयोग करने का भी आरोप लग चुका है। जहां गुडडू मुस्लिम को लेकर पुलिस के ऊपर तरह तरह के सावल खड़े हो रहे हैं ।वहीं शाइस्ता और पांच लाख का इनामी साबिर का अतीक कि हत्या के हत्या के कुछ समय बाद से अतीक के वफादार जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर में ठहरना, और वहां से सुरक्षित निकल जाना पुलिस कि नाकामयाबी से पर्दा उठाता है। पुलिस सूत्रों कि माने तो इस बात का खुलासा जफरउल्लाह के बेटे आतिन जफर ने पुलिस से पूछताछ में किया है। इस खुलासे के बाद पुलिस पर भारी सवाल उठ रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जिस शाइस्ता व साबिर की तलाश में पूरे प्रदेश और एसटीएफ के साथ प्रयागराज कि पुलिस लगी है, उनके शहर में आकर रुकने के बावजूद पुलिस को इसकी भनक कैसे नहीं लगी। बड़ा सवाल यह भी है साबिर दुबारा भी शहर में आता है, और दोबारा आने की भनक पुलिस को लगी भी तो आखिर कैसे वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही चकमा देकर फरार हो गया।सूत्रों का कहना है कि इनामी साबिर पिछले सप्ताह 2 मई को अतीक के करीबी जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर शाइस्ता द्वारा किसी काम से भेजने पर आया आया था।इसकी भनक पुलिस को लगी तो रात में नौ बजे के करीब धूमनगंज पुलिस ने जफरउल्लाह के घर पर छापा भी मारा। हालांकि अंधेरे व घनी आबादी का फायदा उठाकर साबिर वहां से भाग निकलने में कामयाब रहा और पुलिस हाथ मलती रह गई।कुछ दिन पहले अतीक के कार्यालय में खून से सने हुए कपड़े मिलने कि खबर आई, जिसमे फॉरेंसिक जांच समेत बहुत सी बातें हुई । कुछ दिन के भीतर ही प्रयागराज पुलिस द्वारा शारूख नामक शख्स को गिरफ्तार करने के साथ चौकाने वाली जानकारी पुलिस उपायुक्त दीपक भूकर द्वारा दी गई थी। जिसमे शाहरुख एक साथी के साथ लोहा चोरी करने के इरादे से अतीक के दफ्तर में घुसा था. जहां उसको चोट लग गई और खून निकलने लगा, ऐसे में सवाल उठता है कि इतने बड़े माफिया के कार्यालय पर पुलिस कि कोई नजर नहीं है जहां शहर के छोटे मोटे चोर चोरी करने में सफल हो जाते हैं। क्या यह मात्र पुलिसिया कहानी है या घटना की सच्चाई ,? यूपी पुलिस के बड़े आधिकारी ने व्यक्तिगत बातचीत में स्वीकर किया कि यूपी पुलिस और यूपी पुलिस कि हि इकाई एसटीएफ की खींचातानी आपसी तालमेल नहीं होना पुलिस विभाग की छिछालेदर कराने के लिए पर्याप्त है।कुछ भी हो अतीक मामले में यूपी पुलिस कि बडी से बड़ी खामियां उजागर हो रही है।