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Thursday, Apr 25, 2024
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चिंतन शिविर की धारणाएं भले ही भिन्न हो, परंतु परिणाम गणित के उदाहरण की तरह समान और सटीक होता है : – मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल

राज्य सरकार का 10वां चिंतन शिविर लमुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने एकतानगर-स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से शुरुआत की:-
‘मैं नहीं हम’ आदर्श वाक्य के साथ आयोजित चिंतन शिविर शासन में बड़े बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम बन गए हैं:- मुख्यमंत्री
चिंतन शिबिर के चिंतन मंथन का हमारी दिशा सभी का साथ, सभी का विकास की भावना को चरितार्थ करता है :-
19 से 21 मई तक तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान स्वास्थ्य और पोषण-शिक्षा में गुणात्मक सुधार-सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण-ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत और क्षमता-निर्माण और शहरीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के कई विषयों पर पैनल चर्चा होगी:-
मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के मुख्य सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी-जिला कलेक्टर, डी.डी.ओ. राज्य के समग्र विकास के लिए तीन दिनों तक सामूहिक विचार-मंथन करेंगे:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 
गुजरात। मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य सरकार के 10वें चिंतन शिविर का एकतानगर से उद्घाटन करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि ‘मैं नहीं हम’ के आदर्श वाक्य के साथ आयोजित चिंतन शिविर शासन व्यवस्था में बड़े बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है।
इस संबंध में उन्होंने कहा, चिंतन शिविर के लिए धारणा अलग हो सकती है लेकिन परिणाम गणित के उदाहरण की तरह समान और सटीक होता है, जहां योग का उत्तर समान होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे चिंतन शिविर में जब हमारे मंथन की दिशा एक होगी तो सभी का साथ सभी का विकास की भावना अवश्य साकार होगी।
मुख्यमंत्री ने शिविर के प्रारंभ में प्रस्तुत मनुष्य गौरव गान, मनुष्य तू बड़ा महान महान, इस गीत का वर्णन करते हुए कहा कि यदि मनुष्य में कुछ करने का जज्बा है, कुछ अच्छा करने की इच्छा है , फिर परिणाम आना तय है।
इस संबंध में उन्होंने रामसेतु के निर्माण में एक छोटी सी गिलहरी और जंगल की आग बुझाने के लिए अपनी चोंच में पानी भरती एक गौरैया के योगदान का भावनात्मक चित्रण किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि विकास की प्रतिबद्धता, आम आदमी की सुख-सुविधा का मूल्य हर व्यक्ति में निहित है। जो इस तरह के चिंतन शिविर में चर्चा-मंथन के दौरान इसे बाहर लाने का काम करते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की चर्चाओं के दौरान विचारों की मुक्त अभिव्यक्ति के लिए भी यह आवश्यक है। अन्यथा योजनाओं, विकास कार्यों का कार्यक्षेत्र में ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो पाता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्वर व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई के नेतृत्व में देश और दुनिया में गुजरात के विकास की नई ऊंचाई स्थापित हुई है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी के सत्ता में आने से पहले की राजनीति में विकास शब्द का कोई स्थान नहीं था। अब प्रधानमंत्री की वजह से विकास की राजनीति विकसित हुई है, विकास के आधार पर जनाधार-जनमत बन रही है। विकास को लेकर विभिन्न राज्यों के बीच तुलना और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के ज्यादातर पहलुओं में गुजरात अग्रणी है, गुजरात ने हर क्षेत्र में नेतृत्व किया है। उन्होंने हमसे यह देखने का आग्रह किया कि जब हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है तो एक भी व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।
श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि आजादी के बाद सरदार पटेल ने भारत को एक किया, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी इसे बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को साकार करने के लिए देश के राज्यों के बीच अपनी अच्छी बातों का परस्पर आदान-प्रदान करने की व्यवस्था बनाई है।
सौराष्ट्र तमिल संगम और माधवपुर घेडा मेला इसके अच्छे उदाहरण हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप गुजरात और अन्य राज्यों के बीच सांस्कृतिक मामले और व्यापार संबंध फले-फूले हैं।
उन्होंने कहा कि जो अच्छा है उससे सभी को लाभान्वित होना चाहिए, इस प्रकार ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का योग बनता है।
वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने इस अवसर पर कहा कि गुजरात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाये गये विकास पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है। आज गुजरात की यह विकास यात्रा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जब प्रधान मंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने प्रशासन के हर चरण में सेवारत अधिकारियों और निर्वाचित विंग को एक साथ लाकर सरकार के दृष्टिकोण और मिशन का समर्थन करने के लिए चिंतन शिबिर नामक एक मंच की स्थापना की। जो आज न केवल गुजरात में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर और कई राज्यों में फैल चुका है।
मंत्री और अधिकारी-कर्मचारी को राज्य के प्रशासन से जुड़े समर्पित सेवाकर्मी बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नागरिकों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को समझना और योजना बनाना और बनी योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
गुजरात के बेहतरीन वित्तीय प्रबंधन को नीति आयोग ने नोट किया है, यह गुजरातियों के लिए गर्व की बात है। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह चिंतन शिविर “एक भारत, सर्वश्रेष्ठ भारत” और “आत्मनिर्भर गुजरात के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत” की अवधारणा को साकार करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
मुख्य सचिव श्री राजकुमार ने पूर्व में आयोजित चिंतन शिविरों को याद करते हुए कहा कि पूर्व के चिंतन शिविरों में हुई चर्चा के आधार पर की गई अनुशंसाओं पर निर्णय लेने से प्रशासन में काफी गति आई है। उन्होंने विचार-मंथन की गुणवत्ता की सराहना की जो थिंक टैंक के एजेंडे को तय करने में लगी और उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बधाई दी।
मुख्य सचिव ने पिछले पांच-छह वर्षों में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नक्की किए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स हासिल करने के लिए तथा कॉन्फरन्स आफ पेरिस में 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत द्वारा लिए गए संकल्प को साकार करने के लिए चिंतन शिविर में सभी को मंथन करना चाहिए।
इसके अलावा गुजरात बजट में बताए गए पांच स्तंभों के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में सोचना होगा।
उन्होंने कहा कि गुजरात में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चिंतन शिविर का समापन विकसित गुजरात के माध्यम से विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में सहायक होगा।
प्रमुख सचिव श्री मोहमंद शाहिद ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि चिंतन शिबिर प्रशासन के सरलीकरण, गतिशीलता और जनहितोन्मुख सुशासन में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने तीन दिवसीय शिविर की रूपरेखा बताते हुए कहा कि श्री नरेंद्रभाई मोदी द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए विचार शिविरों की अनूठी प्रणाली आज भी जीवित है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास आयोजित हो रहे इस ध्यान शिविर में राज्य मंत्रिमंडल के मंत्रियों, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री कैलासनाथन, मुख्यमंत्री के सलाहकारों सहित वरिष्ठ सचिवों सहित सिविल सेवक अधिकारियों को मिलाकर कुल 230 लोग भाग ले रहे हैं।

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