स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। पलसाणा के पुलिस कॉन्स्टेबल द्वारा 60 हजार रूपये की रिश्वतखोरी के गुनाह में शामिल पुलिस कॉन्स्टेबल आरोपी भगीरथसिंह विरमदेव सिंह चुडासमा को एसीबी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद कांस्टेबल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया। वहीं आरोपी कांस्टेबल ने गिरफ्तार होने के बाद जेल से मुक्त होने के लिए पहली बार जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल की थी। इस जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के दलीलों को स्वीकार करते हुए वलसाड कोर्ट के स्पेशल जज श्री टीवी आहुजा ने आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल की रेग्युलर जमानत याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि सूरत पलसाना थाने के भागीरथ सिंह चुडासमा ने वलसाड में रहने वाले एक बूटलेगर को अपना बंद शराब का कारोबार फिर से शुरू करने की अनुमति देने के लिए कहा, यदि आप शराब की लाइन शुरू करना चाहते हैं, तो वह आपके पास शराब पहुंचाने के लिए और प्रति पेटी पर 1000 रूपये देने की बात कहकर उसने 12 पेटी विदेशी शराब देकर बंद शराब का कारोबार शुरू करवा दिया। जो शराब की 12 पेटी का जत्था पसार होने और लेन-देन का कुल मिलाकर 90 हजार रुपए की मांग सूरत के पलसाना थाने के सिपाही भागीरथ सिंह चुडासमा द्वारा मांगी गई थी। जिसमें से शराब तस्कर ने भागीरथ सिंह चुडासमा को 30 हजार रुपए आनलाइन ट्रांसफर कर जमा कर दिया था। साथ ही बाकी 60 रुपये जो बचे थे उसके लिए भागीरथ सिंह चुडासमा ने पलसाना में शराब तस्कर को बुलवा लिया। शराब तस्कर अपने दोस्त युवराज सिंह की क्रेटा कार नंबर जीजे-14-9200 लेकर भागीरथ सिंह चुडासमा से मिलने गया था। जहां भागीरथ सिंह चूड़ासमा ने शराब तस्कर के दोस्त की कार ले लिया और कहा कि बाकी का रूपया देकर गाड़ी ले जाना। शराब तस्कर ने सूरत एसीबी टीम से संपर्क कर पुलिस कांस्टेबल भागीरथ सिंह चुडास्मा के खिलाफ एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज करा दी थी। शिकायत के आधार पर वलसाड एसीबी की टीम ने धरमपुर चौकड़ी के पास रिश्वतखोर को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। उस वक्त गुजरात हाउसिंग बोर्ड निवासी हार्दिक राजूभाई तिवारी वलसाड के धरमपुर चौकड़ी के पास भागीरथ सिंह चुडास्मा के कहने पर 60 हजार रूपये की रिश्वत लेने आया था। वहीं एसीबी की टीम ने उसे 60 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया था और भागीरथ सिंह चूडास्मा को वांछित घोषित कर आगे की जांच नवसारी एसीबी टीम को सौंप दी थी । जबकि आरोपी कॉन्स्टेबल ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के दलीलों को स्वीकार करते हुए वलसाड स्पेशल कोर्ट के जज श्री टीवी आहुजा ने आरोपी की जमानत याचिका उस वक्त खारिज कर दी थी। उसके बाद एसीबी पुलिस की टीम ने आरोपी पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल किया। वहीं आरोपी कांस्टेबल ने गिरफ्तार होने के बाद जेल से मुक्त होने के लिए कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई के दौरान डीजीपी अनिल त्रिपाठी के दलीलों को स्वीकार करते हुए वलसाड के स्पेशल जज श्री टीवी आहूजा ने आरोपी पुलिस कांस्टेबल की रेग्युलर जमानत याचिका खारिज कर दिया।