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Monday, May 6, 2024
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वापी स्थित वाइटल लेबोरेटरी पर जमीन हड़पने का आरोप

छीरी ग्राम पंचायत ने दिया दस्तावेज साबित करने के लिए 15 दिन का समय, 

के के मिश्र , वापी

वापी जीआइडीसी स्थित वाइटल लेबोरेटरी कंपनी जमीन और गैर कानूनी निकासी पाइपलाइन विवादों में घिर चुकी है। बता दें की वाइटल लेबोरेटरी प्रमुख रूप से मानव जीवन के लिए बहुपयोगी दवाइयां के निर्माण में अपना अथक सहयोग प्रदान करती है।जिसमें एंटी-मलेरिया, एंटी-स्पस्मोडिक, एंटी वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, मसल रिलैक्सेंट, एनएसएआईडी आदि जैसे विभिन्न चिकित्सीय सेगमेंट को कवर करने वाले एपीआई के विविध उत्पाद तैयार करती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वापी तहसील अंतर्गत आने वाले छीरी पंचायत के पास कुछ दिन पहले शिकायत मिली , जिसमे कंपनी पर अवैध रूप से नहर के पानी में कंपनी की पाइप लाइन निकासी मिली है , जिसके उपयोग के बारे में सही जानकारी नही मिली है। साथ ही कई शिकायते गोडाउन , कैंटीन की जमीन को भी ले कर मिली है जो की छीरी पंचायत अंतर्गत आता है।

इस विषय को संज्ञान में लेते हुए छिरी पंचायत के कारोबारी चेयरमैन नूरुद्दीन चौधरी ने कंपनी प्रबंधक से बात भी की , नोटिस भी भेजा लेकिन नतीजा ढांक के पात सा रहा । कंपनी प्रबंधन की ओर से सभी गतिविधियों को कानूनी तौर पर सही करार दिया जा रहा है । नतीजतन पंचायत द्वारा कंपनी प्रबंधक को कानूनी नोटिस भेजा गया है जिसमे , सभी जरूरी कानूनी वैध दस्तावेज पेश करने को कहा गया है। इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए नूरुद्दीन चौधरी ने बताया की जीआईडीसी अंतर्गत सभी कंपनियों में जीआईडीसी के अलावा कही से भी पानी की सप्लाई लेना गैर कानूनी है। साथ ही अगर पाइप लाइन द्वारा केमिकल वेस्ट को छोड़ा जा रहा है , तो ये इस विस्तार के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाना इस अपराध की श्रेणी में आता है। दोनों ही मामलो में कंपनी की दलील कही नही रुकती।

कंपनी की दीवार से नहर में निकाली गई पाइपलाइन

कंपनी के बारे में बताते हुए चौधरी बताते हैं की कंपनी का पिछला हिस्सा गोडाउन ,कैंटीन इत्यादि छीरी ग्राम पंचायत में सरकार द्वारा आवंटित आदिवासी विभाग के अंतर्गत आता है। जिसके बारे स्वयं उन्होंने कंपनी को तीन बार कानूनी नोटिस भेज कर अनुरोध किया की जो भी जमीन संबंधी प्रक्रिया गैरकानूनी है उस में समय रहते कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत सुधार कर लिया जाए , लेकिन प्रबंधन ने अभी तक कोई प्रयास नहीं किया है। 

वाइटल लेबोरेटरी से इस बाबत प्रबंधन के ही शंकर बजाज ने बातचीत के दौरान बताया की कंपनी के पास सारे कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं। समय आने पर सामने ले आएंगे , ये विवाद इतना बड़ा नही है , जितना बड़ा इसे तूल दिया जा रहा है। वाइटल ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा सीएसआर के तहत वृक्षारोपण ,स्वास्थ्य ,शिक्षा के साथ पर्यावरण संबंधी विषयों पर कई उम्दा कार्य प्रति वर्ष किए जाते हैं। कैंसर पीड़ितों तथा कैंसर अनुसंधान के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट में सहायता करती है।

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