स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वलसाड के राबडा गांव में स्थित सुप्रसिद्ध माँ विश्वंभरी तीर्थयात्रा धाम में चैत्र नवरात्रि पर्व के दौरान नौ दिवसीय राजसूय यज्ञ एवं वैदिक परंपरा के अनुसार रास गरबा का भव्यतम् सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में न केवल गुजरात से बल्कि पूरे भारत और विदेशों से अनगिनत भक्तों ने इस अलौकिक सांस्कृतिक रास गरबा को देखा और उन्होंने अनुभव किया कि जैसे कुल देवियाँ साक्षात गरबा खेल रहीं हों। यह देखकर सभी भक्तगण आनंदित व भावविभोर हो गए। वहीं यहां आने वाले सभी भक्तगण लाभान्वित हुए और अपने आपको धन्य महसूस किया। अति दुर्लभ ऐसा राजसूय यज्ञ तथा रास गरबा का सीधा प्रसारण कई टीवी चैनलों पर किया जा रहा है। इसके अलावा यूट्यूब पर भी इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा है, जो दुनिया भर में अनगिनत लोग इस कार्यक्रम देखकर आनंद ले रहे हैं।
गौरतलब है कि संपूर्ण सृष्टि की निर्माता पराशक्ति माँ विश्वंभरी की साक्षात दर्शन करने वाले धरती पुत्र श्री महापात्र ने पराशक्ति से दिव्य संदेश प्राप्त किया। जैसे “अंधविश्वास छोड़कर घर लौटो और घर को मंदिर बनाओ”, वैदिक विचारधारा, मूल भक्ति, मोक्ष प्राप्ति का मार्ग आदि। महापात्र को जो कुछ मिला वह अपने लिए तक सीमित नहीं रखकर बल्कि दुनिया भर के हर मनुष्य तक पहुंचें, दुनिया को बदलने और विश्व शांति स्थापित करने के शुभ इरादे से, इस अलौकिक, अद्भुत और दिव्य धाम का निर्माण करके एक नए युग के निर्माण के लिए वैचारिक क्रांति की शुरुआत की। श्री महापात्र की प्रेरणा से आज दुनिया भर में अनगिनत लोगों ने अंधविश्वास छोड़कर अपने घरों को मंदिर बना लिया है। जिससे लोगों में भारी बदलाव आया है। जिसके कारण ही लोग आधी-व्याधि-उपाधि से दूर हुए और उन्हें अपने ही घर में वास्तविक मानसिक शांति और स्वर्ग का अनुभव होने लगा है। श्री महापात्र कहते हैं कि इस युग में भाग्य विधाता में विश्वंभरी स्वयं इस धरती पर पहुंची हैं, यदि हमें इतना सुंदर मानव शरीर मिला है, हमारा शेष जीवन अवशेष बन जाए, इससे पहले वैदिक विचारधारा के तहत अपना जीवन व्यतीत करके इसे विशेष बनाएं। प्रत्येक मनुष्य को सच्चे अर्थों में मनुष्य बनकर सदाचार और ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए, वैदिक गुणों का अभ्यास करते हुए अपनी आत्मा की रक्षा करनी चाहिए अन्यथा जन्म-मरण का चक्र कभी छूटेगा नहीं।
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