स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
संघप्रदेश । दादरा नगर हवेली में आदिवासी कला उत्सव समिति द्वारा तारपा महोत्सव 2023 का आयोजन भव्य तरीके से किया गया। आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने और आदिवासी कला परंपरा, रीति-रिवाजों को नई पीढ़ी को उपहार में देने के लिए खानवेल के चौड़ा मैदान में आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम का यह आयोजन किया गया था। विगत वर्षो से दादरा नगर हवेली प्रशासन द्वारा तारपा उत्सव का आयोजन होता रहा है ,लेकिन किन्हीं कारणों से यह कई सालों से बंद था।
कार्यक्रम की शुरुआत धरती / प्रकृति पूजन से की गई। कार्यक्रम में आदिवासी लोक जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री प्रकृति वंदना गीत को दिखाया गया।
मंच पर भोवड़ा नृत्य, गौरी नृत्य, घेरिया नृत्य, टिपरी नृत्य, ढोल नृत्य, कोंकण गीत, तूर-थाली, डांगी नृत्य, घोड़ी नृत्य, तारपा नृत्य, जनजातीय परिधान में फैशन शो आदि प्रस्तुत किए गए। साथ ही आदिवासी समाज के विभिन्न नृत्य, गीत, आदिवासी लोकजीवन आदि की प्रस्तुति दी गई।
इस महाउत्सव को आदिवासी सांस्कृतिक कला उत्सव समिति, आदिवासी युवा समिति, श्रद्धांजलि जनजातीय समूह और संकल्प फाउंडेशन जैसे संगठनों और स्थानीय समुदाय के लोगों के सहयोग से आयोजित किया गया था।
दादरा नगर हवेली की सांसद श्रीमती कलाबेन डेलकर, कलेक्टर श्रीमती भानुप्रभा , जिला पंचायत अध्यक्ष दामजीभाई कुराड़ा, एडवोकेट सनी भीमरा, जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष निशा भवर, रमन काकवा एवं दानह के निर्वाचित प्रतिनिधि, आदिवासी समाज के विभिन्न राज्यों के जनजातीय समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे थे।
बता दें , तारपा यंत्र आदिवासी समाज का प्रसिद्ध वादक यंत्र है। यह तरपू जिभाडी से दूध को सुखाकर और बांस की लकड़ी और मधुमक्खी के छत्ते का उपयोग करके बनाया जाता है।
आजकल तारपू बजाने की कला सिर्फ बूढ़े लोग ही जानते हैं। इस महोसव का उद्देश्य युवाओं को तारपू बजाने की कला सीखने और आदिवासी कलाओं और परंपराओं के बारे में जागरूकता पैदा करना भी है।