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Tuesday, Apr 30, 2024
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वापी में जिला स्तरीय 74वाँ वन महोत्सव वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई की अध्यक्षता में आयोजित किया गया

कार्बन उत्सर्जन के कारण जलवायु परिवर्तन मानव जाति के लिए खतरनाक है, इसलिए 2070 तक शून्य कार्बन की ओर बढ़ें:- मंत्री श्री कनुभाई देसाई
मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि गुजरात पवन ऊर्जा में 10 हजार मेगावॉट के साथ देश में पहले नंबर पर और 9300 मेगावॉट के साथ सौर ऊर्जा में दूसरे नंबर पर है:-
सांस्कृतिक वनों के निर्माण के बाद पेड़ों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा और 33 प्रतिशत क्षेत्र पेड़ों से आच्छादित हो गया है:-
गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सहायता उपकरण एवं चेक वितरित किये गये:-
पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जीवदया प्रेमियों एवं संस्था प्रबंधकों को सम्मानित किया गया:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 
 वलसाड। वलसाड जिला स्तरीय 74वां वन महोत्सव वापी के नामधा स्थित रोफेल आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में वित्त, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स राज्य मंत्री श्री कनुभाई देसाई की अध्यक्षता में मनाया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने वन महोत्सव के प्रेरणता को याद करते हुए कहा कि जब कनैयालाल मानेकलाल मुंशी ने वर्ष 1950 में वन महोत्सव की शुरुआत की थी, तब जलवायु परिवर्तन या वायु परिवर्तन का कोई विचार नहीं था लेकिन फिर भी उनकी दूरदर्शिता के कारण इस विचार को क्रियान्वित किया गया जिसके लिए उन्हें नमन है। जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने इस त्यौहार को न केवल गांधीनगर बल्कि राज्य के हर जिले में मनाने का निर्णय लिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री आनंदीबेन पटेल एवं विजयभाई रूपाणी के कार्यकाल में वलसाड जिले में अब तक दो राज्य स्तरीय वन महोत्सव मनाये जा चुके हैं। हमारे जिले को बालचोंडी और कलगाम में दो सांस्कृतिक वनों का उपहार मिला था। जिससे लोगों का पेड़ों के प्रति विश्वास बढ़ रहा है, और जगह-जगह वृक्षारोपण किया जा रहा है। गुजरात के 33 प्रतिशत हिस्से में पेड़ हो गए हैं। वहीं मंत्री ने हम सभी से इस भागीरथ कार्य में शामिल होने की अपील की।
जलवायु परिवर्तन के संबंध में मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन की चपेट में है। कार्बन उत्सर्जन के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जो मानव जाति के लिए खतरनाक है। कोरोना काल के बाद ऑक्सीजन पार्क और जंगल का निर्माण किया गया है। जिनेवा में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुए सम्मेलन में कहा गया कि साल 2070 तक पूरी दुनिया में जीरो कार्बन हासिल करने की योजना बनाई गई है, जिसमें से गुजरात सबसे आगे है। ऊर्जा विभाग में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में 10 हजार मेगावॉट के साथ गुजरात देश में नंबर वन है। सोलार पावर में 9300 मेगावाट के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है। जिसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है। उन्होंने सौर नीति और पवन नीति बनाई। आजादी के अमृत मोहोत्सव में हमारी जीवन शैली कैसी होनी चाहिए, इसके लिए उन्होंने मिशन लाइफ टिप्स दिए हैं। जिसमें वातावरण को प्रदूषित न करने, पर्यावरण संरक्षण, बाजरा (मोटे अनाज) का उपयोग, जलीय जानवरों के लिए मिस्टी परियोजना के तहत मैंग्रोव पेड़ों की खेती पर जोर दिया गया है। गुजरात में किसी अन्य जीआईडीसी में वापी जीआईडीसी जितने पेड़ नहीं होंगे, जो बधाई के पात्र है।
वलसाड जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अलकाबेन शाह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वन महोत्सव मनाना सार्थक माना जा रहा है। प्रधानमंत्री के 5 संकल्पों में विकसित भारत के निर्माण के लिए अगली पीढ़ी को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ना है। राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र भाई पटेल ने राज्य का वन क्षेत्र बढ़ाने की पहल की है। जिसके मुताबिक 10 करोड़ 40 लाख पौधे बांटे जाएंगे। प्रत्येक व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाए, तभी हम हरित गुजरात की संकल्पना को साकार कर सकेंगे।
वलसाड-डांग सांसद डाॅ. के.सी.पटेल ने कहा कि पूरे विश्व में प्रदूषण की समस्या जटिल होती जा रही है। अब हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक हो गया है। पारडी तालुका के गोइमा गांव में 148 हेक्टेयर वन भूमि पर एक पर्यटक पार्क बनाया जा सकता है, जिसके ठीक बगल में कोलक नदी बहती है। वन विभाग को इस मामले में सकारात्मक रुख दिखाने का सुझाव दिया गया।
इस मौके पर वलसाड वन मंडल के मुख्य वन संरक्षक मनिश्वर राजा ने कहा कि वलसाड जिले में 5000 हेक्टेयर में फर्नीचर के लिए उपयोगी सागौन और बांस सहित 43 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। जिससे 4 साल बाद असम से बांस के पौधे लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा 31 लाख पौधे उगाकर किसानों को बांटे जा रहे हैं। जहां जाना संभव नहीं था, वहां 150 हेक्टेयर में ड्रोन से बीज बोए गए हैं। 1 पेड़ 150 लीटर ऑक्सीजन पैदा करता है जबकि मनुष्य को प्रतिदिन 600 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसलिए मानव की सुरक्षा के लिए वन एवं पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। उन्होंने सामाजिक वानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी।
इस अवसर पर आरके देसाई कॉलेज के विद्यार्थियों ने कृषि एवं प्रकृति पर आधारित आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया। मंत्री श्री कनुभाई देसाई सहित गणमान्य लोगों द्वारा कॉलेज परिसर में पौधारोपण किया गया। इसके बाद वृक्ष रथ को हरी झंडी देकर रवाना किया गया। गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सहायता उपकरण एवं चेक वितरित किये गये तथा पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जीव प्रेमियों एवं संस्था प्रबंधकों को भी सम्मानित भी किया गया।
इस मौके पर वापी नगरपालिका अध्यक्षा कश्मीरा शाह, नामधा गांव की सरपंच अनिता पटेल, वापी अधिसूचित संगठन के अध्यक्ष हेमंत पटेल, जिला संगठन महासचिव शिल्पेश देसाई, पारडी प्रांतीय अधिकारी डीजे वसावा, वापी वीआईए के अध्यक्ष सतीश पटेल और रोफेल कॉलेज के ट्रस्टी आशीष रॉय उपस्थित थे। प्रवास के सामाजिक वानिकी विभाग के उप वन संरक्षक ऋशिराज पुवार ने स्वागत भाषण दिया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन सामाजिक वानिकी विभाग के सहायक वन संरक्षक जीनल भट्ट ने किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन शिक्षक तारेश सोनी एवं प्रो. डॉ. रिपल टंडेल ने किया।

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