स्टार मीडिया न्यूज, मुंबई। ओपीएस (ओपन प्लगेबल स्पेसिफिकेशन) का व्यापक रूप से स्मार्ट बोर्ड और इंटरैक्टिव पैनल में उपयोग किया जाता है। ये ज्यादातर एनोटेशन सॉफ्टवेयर, इंटरनेट ब्राउज़िंग और पिछले एक दशक से शैक्षिक सामग्री के लिए उपयोग किए जाते हैं।वे विभिन्न समस्याओं का कारण बनते हैं और महंगे होते हैं । हीटिंग मुद्दों और हार्डवेयर को नुकसान भी देखा जाता है। साथ ही अतिरिक्त बिजली की खपत और सेटअप लागत में 40 हजार से 50 हजार रुपए की वृद्धि कुछ ऐसी चीज है, जिसे टाला जा सकता है। आज के प्रौद्योगिकी युग में, ओपीएस कार्यक्षमता के बिना नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ऐसे सॉफ्टवेयर जो ब्राउज़िंग या शैक्षिक सामग्री के लिए उपयोगी हो सकता है, उनका इस्तेमाल होना चाहिए ताकि बिजली , पैसा आदि की बचत हो सके।
