बगवाड़ा स्थित शुभम ग्रीन सिटी के पास से गुजरने वाले ओवरब्रिज से जुड़ा है मामला
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, वापी ,
शुभम ग्रीन सिटी वलसाड जिले की आकर्षक टाउनशिप में 600 परिवारों से अधिक भरा पूरा कॉम्प्लेक्स में इन दिनों काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई है। भवन निर्माता (बिल्डर)और निवासियों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बगवाड़ा टोल प्लाजा के पास से दमन और राष्ट्रीय महामार्ग को जोड़ने वाले ओवर ब्रिज के बनाए जाने से सभी रहीवासियों को होने वाली असुविधा के एवज में सरकारी तंत्र और बिल्डर की वादा खिलाफी के कारण असंतोष निर्माण हुआ है।
बता दें की शुभम ग्रीन सिटी में कुल लगभग 600 फ्लैट है। दोनों संकुलों की अलग अलग मर्यादित सोसाइटी हैं,जो कि सारा कारभार देखती हैं। कमेटी के सदस्यों का आक्षेप है कि ओवर ब्रिज बनते समय सोसाइटी की काफी जमीन पुल के निर्माणाधीन स्थल के अंतर्गत आ रही थी। नियमानुसार सरकार द्वारा आवंटित की जाने वाली राशि पर बिल्डर ने अपना अधिकार दिखाते हुए पैसे अपने खाते में जमा करवा लिए , जबकि फ्लैटधारकों का हक मार लिया। ओवरब्रिज के निर्माण के समय होने वाली सारी कठिनाइयों से सभी रहीवासियों को झेलना पड़ेगा। जिस के विरोध में सोसाइटी कमेटी प्रमुख शैलेश भाई नायक, रवि शाही , राजू पांचाल ,डा. राहुल मौर्य ने विस्तृत से बताया कि इस मामले में 2019 से संबंधित सभी सरकारी महकमों में पत्राचार और गुजरात हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों के माध्यम से पूरे मामले पर चर्चा जारी थी ,सभी संबंधित दस्तावेजों , आरटीआई के तहत प्राप्त सूचनाओं के आधार पर मामला विचाराधीन था। विगत दिनों कमेटी और बिल्डर के बीच पारडी के मामलतदार ने मध्यस्थता कर मामले को सुलझाने का निर्णय लिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सोसाइटी के कमेटी प्रमुख और बिल्डर हितेश भाई फालदू के साथ बातचीत में लिखित रूप से 33 , 33 और 33 प्रतिशत पर सहमति हुई थी । और कमेटी प्रमुखों के प्रस्ताव पर सोसाइटी के सदस्यों ने अपना मत बरकरार रखा और पूर्ण सहमति जताई थी।
पारडी के मामलतदार जी डी वसावा के अनुसार 7/12 नाम धारक के खाते में लगभग 2.5 करोड़ रुपए चेक द्वारा बिल्डर के खाते में जमा कर दिए गए। प्रस्ताव अनुसार कुछ दिनों के बाद जब कमेटी प्रमुखों ने पैसों की मांग की तो बिल्डर ने धमकाते हुए वादाखिलाफी करते हुए साफ-साफ कह दिया कि पैसे नहीं मिलेंगे। जो कर सकते हो आप लोग कर सकते हो। पूरे मामले में मध्यस्थ रहे मामलतदार ने भी 7/12 के अनुसार निजी ममामला बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया । सभी निवासियों ने पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए पारडी मामलतदार कार्यालय का करीब 200 लोगों ने घेराव किया। परंतु संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद रहवासियों ने वलसाड कलेक्टर कार्यालय में पहुंच कर न्याय के लिए जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर मामले के बारे में अवगत कराया।
स्थानीय निवासियों द्वारा एक सुर में कहा गया की “जब बिल्डर ने सोसाइटी अलग अलग सुपुर्द किया है , तो अब बिल्डर की नैतिक जिम्मेदारी बनती है की रहवासियों का साथ दे। बिल्डर तो कुछ दिनों के बाद यहां से कहीं और चला जायेगा। सभी दुविधाओं को झेलने के लिए बचेंगे यहां के रहवासी , बिल्डर को हक के अनुसार 30 प्रतिशत नहीं बल्कि 100 प्रतिशत अनुदान सोसाइटी को देना चाहिए।
धोखाधड़ी के मामले में बिल्डर पर चल सकता है मुकदमा:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीआई के तहत कई तरह की विस्फोटक जानकारी सामने आई है , बिल्डर ने कई तरह के प्रलोभनों द्वारा फ्लैट ग्राहकों और सरकार को भी चूना लगाया है। सभी सबूतों को इकट्ठा कर बिल्डर के खिलाफ केस करने की भी तैयारी चल रही है।
शुभम ग्रीन सिटी सोसाइटी कमिटी के प्रतिनिधियों ने जिला अतिरिक्त मजिस्ट्रेट श्रीमती ए आर झा को पूरे मामले के बारे में अवगत कराया। दस्तावेज के आधार पर मजिस्ट्रेट ने भी माना की बिल्डर की ज्यादती है , जब बिल्डर ने सोसाइटी को फ्लैट धारकों को बेच दिया है ,तो बिल्डर का कोई हक नही बनता है की सरकार द्वारा दिए गए अनुदान से फ्लैट धारकों को वंचित रखा जाए। वहीं मजिस्ट्रेट ने मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया , साथ ही आश्वासन दिया कि किसी के साथ कोई अन्याय नही होगा।