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वलसाड में टीबी मरीजों की मदद करने वाले निक्षय मित्रों को सम्मानित कर विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया

जिला पंचायत की बैठक में टीबी मरीजों के लिए अति उपयोगी मशीन की स्वीकृति होगी लाभकारी :- जिला विकास अधिकारी मनीष गुरवानी
अब लोगों को भी लगने लगा है कि सरकारी दवा अच्छी है :- मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केपी पटेल
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। गुजरात सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत 24 मार्च को वलसाड के अब्रामा रोड स्थित ऑरिजन होटल में विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला विकास अधिकारी मनीष गुरवानी के हाथों टीबी के मरीजों को गोंद लेकर इलाज में मदद करने वाले निक्षय मित्रों को सम्मानित किया।
इस मौके पर जिला विकास अधिकारी मनीष गुरवानी ने कहा कि मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए सबसे पहले सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया गया है। लिहाजा प्रसव कार्यों के दौरान चिकित्सा अधिकारियों का आत्मविश्वास बढ़ा है। आपातकालीन स्थितियों में गंभीर मामलों से निपटने के लिए हर सरकारी अस्पताल में एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। फिलहाल जिन सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की सर्विस लाइफ पूरी हो चुकी है, वहां 10 नई एंबुलेंस आवंटित की जाएंगी। अकेले सरकार, प्रशासन या जिला पंचायत कोई भी काम नहीं कर सकता, लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है। सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, लोगों और उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने वाले अभियान सफल होते हैं। 12 सरकारी अस्पतालों में सेल काउंटर मशीनें लगाई गई हैं, ताकि मरीज के शरीर में ब्लड सेल्स, व्हाइट सेल्स और प्लेटलेट्स के उतार-चढ़ाव को जानकर मरीज स्वस्थ जीवन जी सके। जिला पंचायत द्वारा योजना बनाई गई है कि सभी पीएचसी व सीएचसी पर भी सेल काउंटर मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। आज जिला पंचायत महासभा में विकास कार्यों के अंतर्गत एक्सडीआर जीन एक्सपर्ट मशीन को भी मंजूरी दी गई है। व्यक्तियों, संगठनों और उद्योगों के प्रबंधकों ने टीबी की गंभीरता को समझते हुए निक्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों के इलाज में मदद करना वाकई काबिले तारीफ है।
मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.पी. पटेल ने कहा कि पहले विश्व टीबी दिवस रैलियां निकालकर या पोस्टर प्रदर्शित कर मनाया जाता था, लेकिन अब टीबी दिवस सही मायनों में मनाया जाने लगा है। पिछले 5 साल में केंद्र और राज्य सरकारों ने सरकारी अस्पतालों में ऐसी तकनीक और सुविधाएं बढ़ाई हैं जिससे मरीज की तुरंत डायग्नोसिस हो सके और उससे तेजी से ठीक होने में भी सफलता मिल रही है। अब लोगों को भी यह अहसास हो गया है कि सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाई ही सबसे अच्छी होती है। टीबी के इलाज में सिर्फ 6 महीने में अच्छे परिणाम मिलते हैं।
वलसाड जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में टीबी के 2977 नए मामले सामने आए, जिनमें ठीक होने की दर 90 प्रतिशत है। यह सफलता स्वास्थ्य विभाग की टीम और निक्षय मित्रों के सहयोग से प्राप्त हुई है। जिला पंचायत द्वारा लगभग रू. 25 लाख की लागत से एक्सडीआर जीन एक्सपर्ट मशीन मिलने वाली है, इससे पता चल जाएगा कि मरीज के थूक में कितने कीड़े होंगे। अगर फर्स्ट लाइन की दवा ड्रग रेजिस्टेंस में कारगर नहीं है तो यह मशीन यह भी चेक कर सकती है कि कौन सी दवा मरीज पर असर कर सकती है। सरकार द्वारा दी जाने वाली दवाई उत्तम क्वालिटी की होती है जो निजी अस्पतालों में मरीजों को दी जाती है।
टीबी निवारक चिकित्सा में सप्ताह में एक गोली या 3 महीने में मात्र 12 गोली लेनी होती है। पिछले दो वर्षों में निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगी को हर महीने रु. 500 की सहायता, आदिवासी क्षेत्र के रोगी को रु. 750 यात्रा भत्ता, यदि निजी अस्पतालों के डॉक्टर किसी टीबी रोगी को निदान के लिए सरकारी अस्पताल में रेफर करते हैं, तो रु. 1000 और डॉट्स प्रदाता को रु. 1000 की सहायता मिलाकर कुल एक करोड़ 15 लाख की राशि का लाभार्थियों को भुगतान किया जा चुका है। आने वाले दिनों में हर तालुका में ट्रू नाट मशीन उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका लाभ निजी अस्पतालों के मरीजों को भी मिलेगा।
इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले निक्षय मित्रों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को जिला विकास अधिकारी एवं मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सम्मानित भी किया गया। टीबी की बीमारी से ठीक हुए मरीजों ने मदद और इलाज के लिए सरकार का आभार भी जताया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी की मौजूदगी में वन वर्ल्ड टीबी समिट कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी सभी ने देखा। इस अवसर पर वलसाड स्वास्थ्य शाखा एडीएचओ डॉ. विपुल गामीत, आरसीएचओ डॉ. एके सिंह, डीएलओ डॉ. जयश्रीबेन चौधरी, तालुका स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, एनजीओ और कॉर्पोरेट क्षेत्र के निक्षय मित्र और स्वास्थ्य कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
पूरे कार्यक्रम का संचालन सेन्च्चुरियन रक्तदाता भावेशभाई रायचा ने किया। वहीं आभारविधि जिला क्षय रोग केन्द्र चिकित्सा अधिकारी डॉ परिमल पटेल ने किया।

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