रामायण के साथ भद्दा मजाक किया गया है , भद्दे डायलाग ने डुबाई लुटिया , बच्चों को रखे इस फिल्म से दूर:-
स्टार मीडिया न्यूज डेक्स,
स्व. रामानंद सागर जी ने रामायण उस दौर में बनाई जब तकनीक इतनी ज़्यादा विकसित नहीं थी, परंतु पात्रों का चयन, उनकी वेशभूषा, डायलॉग्स इतने उच्च स्तर और भव्यता से परिपूर्ण थे कि आजतक भी वही रामायण और उसके पात्र लोगों के मन में छाए हुए हैं, बल्कि हर कोई रामानंद सागर जी की रामायण से ही इसकी तुलना करने को विवश है।
राम को 140 करोड़ जन मानस के सामने दूषित विचार बीज से जन्मी ये कल्पना अब सिनेमाघरों में पहुंच चुकी है और इसका खाद पानी ऐसा है कि दर्शकों को इसमें हरियाली तलाश करने पर मजबूर है , लेकिन मिल नहीं रही है।
जिस रामायण की कहानी को हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं उसका भद्दा मजाक आप फिल्म में देख सकेंगे।
आदिपुरुष में फिल्म पर पैसा पानी की तरह बहाया गया है, लेकिन पात्रों का चित्रण, फिल्म के सस्ते सड़कछाप टपोरी टाइप डायलॉग्स लिखकर फिल्म के निर्देशक ओम राउत और मनोज मुन्तशिर ने फिल्म का सत्यानाश कर दिया है।
अरुण गोविल जी की मंद मुस्कान, उनके साथ दीपिका चिखलिया जी की मनमोहनी छवि, सुनील लहरी का लक्ष्मण रूप, स्व. दारासिंह जी का हनुमान रूप और स्व. अरविंद त्रिवेदी जी का रावण का रूप आज तक करोड़ों मन मस्तिष्क पर अंकित है।
2020 के लॉकडाउन में जब इन दोनों धारावाहिकों का पुनः प्रसारण हुआ तो पुरानी और वर्तमान पीढ़ी ने भी उसी उत्सुकता के साथ इन्हें देखा, इसीलिए अब ये सभी पात्र सभी के भीतर तक घर कर गए हैं।
फिल्म में सबसे खराब हैं इसके डायलॉग। फिल्म में ऐसे डायलॉग हैं, जैसे यूपी-दिल्ली के मवाली लड़के रील्स में बोलते फिरते हैं। कुछ डायलाग हम बताते हैं , किस तरह की भाषा का उपयोग किया गया है। फिल्म में हनुमान जी भगवान राम का मैसेज लेकर लंका गए।
मेघनाद उनकी पूछ में आग लगा कर पूछता है ‘जली!’ हनुमान जवाब देते हुए कहते हैं, ‘तेल तेरे बाप का, कपड़ा तेरे बाप का, और जलेगी भी तेरे बाप की’।
इसके अलावा जब हनुमान लंका से वापस राम के पास पहुंचते हैं तो राम उनसे वहां के बारे में पूछते हैं। इसके जवाब में हनुमान कहते हैं- ‘बोल दिया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे, उनकी लंका लगा देंगे।
रावण का किरदार सैफअली खान निभा रहे हैं। लेकिन रावण कम, थानोस ज्यादा लग रहा है। राम और रावण के बीच में युद्ध को अवेंजर्स और थानोस जैसी कार्टून सरीखी लड़ाई दिखाया गया है।
वो बड़े से चमगादड़ पर बैठ कर आता है। अपने पालतू चमगादड़ पर सीता को रखता है और उड़ जाता है। रावण के पास रंग-बिरंगी लाइट वाली तलवारें हैं, तो उसके हाथ में अपने आप आ जाती हैं। एक वक्त ऐसा लगा कि ये रावण नहीं बल्कि हॉलीवुड का ‘थानोस’ है। कुल मिलाकर कहें तो ये एक ऐसी फिल्म है, जिसे देखकर नास्तिक की भी भावनाएं आहत हो जाएं। वहीं कई हिंदू संगठनों ने भी इसका दबे स्वर में विरोध किया है।