19.9 C
New York
Monday, Apr 29, 2024
Star Media News
Breaking News
Breaking Newsगुजरातज्वलंत मुद्देप्रदेश

अतुल कंपनी में बार- बार आग लगने की घटनाओं से दहशत में है गांव के लोग ? जीपीसीबी आखिर क्यों है मौन 

स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 
वलसाड। वलसाड शहर के नजदीक स्थित अतुल कंपनी के प्लांटों में आखिर बार-बार आग क्यों लग जाती है ? यह सवाल अब अतुल गांव के साथ कई गांवों तथा वलसाड शहर के लोगों के मन में उठ रहा है। वलसाड तालुका के अतुल में स्थित अतुल कंपनी में मंगलवार को एक प्लांट में आग लग गई थी। उस दौरान कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों में भगदड़ मच गई थी। घटना की जानकारी कंपनी के उच्च अधिकारियों और कंपनी के फायर विभाग को दी गई थी। उसके बाद फायर विभाग के कर्मचारियों द्वारा आग बुझाने की कोशिश की गई। परंतु आग किस कारण से लगी इसका पता नहीं चल पाया।
आग व प्रदूषण को लेकर कंपनी को क्लोजर नोटिस और एक करोड़ का लगा था जुर्माना:-
 इसके पहले भी साल-डेढ़ साल के अंदर इस अतुल कंपनी में तीन बार आग लग चुकी है। पहली बार जब अतुल कंपनी के प्लांट में आग लगी थी तो गुजरात प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (जीपीसीबी) द्वारा 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, और क्लोजर नोटिस भी जारी किया गया था। जबकि दूसरी बार अतुल कंपनी के प्लांट में आग लगी तो जीपीसीबी द्वारा कितना जुर्माना लगाया गया है, अभी तक जीपीसीबी ने इसका खुलासा नहीं किया है। अब वहीं तीसरी बार अतुल कंपनी के प्लांट में आग लगी है तो जीपीसीबी क्या कार्रवाई करती है, अब यह देखने वाली बात होगी।
सैंया भये कोतवाल तो अब डर काहे का:-
अतुल कंपनी के लिए एक कहावत फिट बैठती है कि “सैंया भये कोतवाल तो अब डर काहे का”। यह कहावत इसलिए फिट बैठती है, क्योंकि अतुल कंपनी में जब पहली बार आग लगी थी तो उस समय जीपीसीबी में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने अतुल कंपनी पर एक करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ-साथ कंपनी को क्लोजर नोटिस भी जारी कर दिया था। परंतु उसके बाद उस अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया। इस कंपनी द्वारा प्रदूषण फैलाने व आग की घटनाओं के कारण आसपास के गांव वाले परेशान हैं, परंतु शासन-प्रशासन उनकी सुनता नहीं है। जीपीसीबी उन्हीं कंपनियों को बंद करवाती है या यू कहें कार्रवाई करती है, जिसकी पहुंच गांधीनगर तक नहीं है। अभी हाल ही में वलसाड के गुंदलाव स्थित डिमोशा कंपनी को जीपीसीबी द्वारा बंद करा दिया गया है। जबकि अतुल कंपनी को शासन-प्रशासन द्वारा एक और प्लांट खोलने की इजाजत दी गई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या जीपीसीबी द्वारा अतुल कंपनी में लग रही बार-बार आग की घटनाओं को देखते हुए क्या कार्रवाई करती है ? वैसे देखा जाये तो हर इंसान की दो गलती तो माफ की जा सकती है, परंतु तीसरी बार गलती करने पर उसे माफ नहीं किया जा सकता है। जब डिमोशा जैसी कंपनी को जीपीसीबी बंद करवा सकती है तो अतुल कंपनी को क्यों नहीं ?
बार बार लगती आग की घटनाओं को जीपीसीबी क्या गंभीरता से लेगा ? या बड़े हादसे का कर रहा है इंतजार:-
अब अतुल कंपनी के प्लांटों में लगने वाली बार-बार आग की घटनाओं को देखते क्या जीपीसीबी इसे गंभीरता से लेता है, या ले देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। अब तीसरी बार आग लगी है तो जीपीसीबी क्या कार्रवाई करेगी ? यह सवाल अब वलसाड की जनता भी जानना चाहेगी। वैसे अतुल कंपनी के ऊपर प्रदूषण फैलाने की शिकायत आस-पास के गांव के लोगों द्वारा बार बार किया जाता रहा है, परंतु शासन-प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगती है। अतुल कंपनी के ऐसे कई प्लांट हैं, जहां पर खतरनाक केमिकल्स का उत्पादन होता है और गैस का भंडारण भी है। अगर कंपनी के कर्मचारी व अधिकारियों द्वारा इसी तरह लापरवाही चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब भोपाल गैस कांड की तरह वलसाड में भी गैस-कांड व केमिकल कांड न हो जाये।

Related posts

धरमपुर के खड़की व मधुरी गांव में प्राकृतिक खेती सेमिनार का किया गया आयोजन

starmedia news

कमलेश यादव ने की भोला यादव के सामाजिक कार्यों की सराहना

starmedia news

चारकोप में बने श्री बालाजी मंदिर की महिमा है अपार, हुबहू तिरूपति बालाजी की तर्ज पर मंदिर का निर्माण

starmedia news

Leave a Comment