आदिवासी तथा अन्य पिछड़े समुदायों को भी मिले इसका लाभ – जिलाधिकारी – श्रीमती भानुप्रभा
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
सिलवासा । गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी सिलवासा कैंपस ने आज पुराने सचिवालय स्थित ट्रांजिशनल कैंपस से अपने शैक्षणिक कार्यक्रम की शुरूआत किया। जिसमें, पांच वर्षीय एकीकृत बीए एलएलबी कार्यक्रम के 66 सीटों के लिए तथा 33 सीटें संवैधानिक और प्रशासनिक कानून में एक वर्षीय एलएलएम कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित है।
छात्रों के पहले बैच के स्वागत के लिए सिलवासा कला केंद्र में उद्घाटन सत्र में दो दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू हुआ। कानूनी शिक्षा क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियां और संघ प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इन महत्वाकांक्षी युवा छात्रों को मार्गदर्शन देने और प्रेरित करने के लिए इस अवसर पर उपस्थित रहे।
सिलवासा कलेक्टर सुश्री भानु प्रिया ने कहा कि दादरा नगर हवेली, दमन, दीव में आदिवासी काफी संख्या में है ,साथ ही अन्य स्थानीय आबादी है। उन्होंने विश्वविद्यालय से उन पिछड़े और आदिवासी इलाकों तक पहुंचने और सामुदायिक विकास परियोजनाएं शुरू करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने बाबत अपनी प्रतिक्रिया वयक्त की।
कार्यक्रम में छात्रों और उनके अभिभावकों का स्वागत करते हुए, जीएनएलयू के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) एस. शांताकुमार ने कहा कि गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हमेशा से ही गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी रहा है, और सिलवासा में हमारा विस्तार पहुंच और समावेशन के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है।
डॉ. शांताकुमार ने बहुत कम समय में लॉ कैंपस की प्रस्थापित करने के साथ ही सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रशासक प्रफुल पटेल के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “आदिवासी आबादी वाले केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव को हाल के वर्षों तक उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी का सामना करना पड़ रहा था। छात्रों को उच्च शिक्षा, विशेष रूप से कानून और चिकित्सा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों की यात्रा करनी पड़ती थी।
हालांकि, अब जीएनएलयू की स्थापना के साथ, केंद्र शासित प्रदेश के छात्र सिलवासा में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं, देश भर के प्रतिभाशाली छात्रों को भी उनके साथ अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। और इतना महत्वपूर्ण कार्य प्रशासक श्री प्रफुल पटेल की दूरदर्शिता और अथक प्रयासों से ही संभव हो सका है।”
डॉ .शांताकुमार ने कहा कि माननीय प्रशासक के अनुरोध पर, जीएनएलयू ने अधिवासित छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की हैं। इसके अलावा, जय कॉर्पोरेशन ग्रुप ने अपने सीएसआर फंड से ऐसे छात्रों को पूर्ण छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए सहमत हुआ है। डॉ. शांताकुमार ने केंद्र शासित प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके अमूल्य समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए सभी दानदाताओं के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।