स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वापी। इन दिनों वापी नोटिफाइड द्वारा गुंजन विस्तार में दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों के सामने से अनिधिकृत अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इस पहल का सभी स्वागत भी कर रहे हैं। लेकिन बात जब पूरी तरह न्याय या जीरो तोलरेंस की आती है तो , फिर कहीं न कहीं वापी नोटिफाइड अधिकारियों पर उंगली उठ जाती है।
जी हां बात करें तो एक ओर जहां अतिक्रमण के नाम पर गरीब ठेले खुमचे वाले को धंधा बंद कर उन्हें धंधा करने से रोका जा रहा है , वहीं नामचीन चाइनीज होटल वालो , फास्ट फूड रेस्टोरेंट के सामने ये नियमें नदारद हो जाती हैं। गरीब व्यवसाईयों का कहना है कि गरीबी वास्तव में पाप है। हर नियम कायदे के समय सबसे पहले गरीब हो भोगी बनता है , आखिर ये कहा का न्याय है ???
कई ठेले, खुमचों वालों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि गुजरात में सरकार का नियंत्रण बहुत बढ़िया हैं, लेकिन कुछ अधिकारियों की वजह से पूरे प्रशासन और तंत्र पर उंगली उठ जाती है। उनका कहना केवल इतना है कि न्याय सभी के साथ बराबर होना चाहिए ,चाहे अमीर हो या गरीब।
अगर साम्यानत: देखें तो कई होटल और फास्ट फूड रेस्टोरेंट खुले तौर पर आधी सड़कों पर कब्जा जमाए हुए हैं, हद तो तब हो जाती है , जब बीच सड़कों पर पंडाल बना कर मूर्ति भी बेची जा रही हो ,वो भी प्रशासन को घता बता कर , ऐसे में प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता ,यह बड़ा सवाल है।
हर नियम और कानूनी कार्यवाही में गरीब की ही बली चढ़ाई जाती है। वापी शहर जहां राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई का स्थानीय क्षेत्र भी है , ऐसे शहर में गरीबों के साथ अन्याय शोभा नही देता। उम्मीद है वापी नोटिफाइड के अधिकारियों की निंद्रा जल्द भंग होगी और गरीबों को न्याय मिलेगा , अथवा कानून लागू हो तो सभी के लिए समान हो।