विधायक, नगरसेवक, पुलिस और मनपा अधिकारियों को खरीदा जा सकता है – शैलेश गावडा, मालिक क्लासिक होटल
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
मुंबई। एक कहावत है कि पैसा बोलता है, आज के जमाने में अगर आपके पास पैसा है तो आप किसी को भी खरीद सकते हैं, खुले आम अवैध निर्माण कर सकते हैं, अगर कोई शिकायत करता है तो उसके ऊपर एफआईआर भी दर्ज करा सकते हैं। वर्तमान समय में इसी तरह का कार्य दिंडोशी विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है, ऐसा लगता है जैसे कानून नाम की कोई चीज नहीं है और खुलेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि वहां की स्थानीय जनता महसूस कर रही है और अवैध निर्माणों पर शिकायत करने वाले भुगत रहे हैं। यह कहना है आरटीआई कार्यकर्ता जे बी सिंह का जिनके ऊपर फर्जी मामला दर्ज कराकर उनका मुंह बंद करने की कोशिश की गई थी।
चाय से ज्यादा केतली गरम, स्थानीय नेताओं का खास कहे जाने वाला शैलेश गौड़ा अवैधनिर्माण में संलिप्त
आपने सुना होगा कि चाय ज्यादा केतली गरम, वैसे ही दिंडोशी विधानसभा क्षेत्र में विधायक का खास कहे जाने वाले शैलेश गौड़ा की चर्चा ज्यादा गर्म है। जबसे सुनील प्रभु दिंडोशी विधानसभा के विधायक बने हैं तब से उनका खास आदमी बन बैठा शैलेश गौड़ा अवैधनिर्माणों से करोड़ों की काली कमाई की है। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि शैलेश गौड़ा ने दिंडोशी बस डीपो के बगल में जमीन को लीज पर लेकर प्रीतम होटल का निर्माण किया है। सूत्रों की मानें तो इस होटल में भी अवैध रूप से निर्माण किया गया है। वहीं शैलेश गौड़ा ने क्लासिक कंफर्ट होटल में भी अवैध रूप से एक मंजिल का अवैध रूप से निर्माण किया है। जो प्रमुख रूप से क्लासिक कंफ्फर्ट होटल से लेकर ऐसे कई बड़े अवैध निर्माण किए गए हैं, जिसे स्थानीय विधायक के नाम पर किया गया है। पहले क्लासिक कंफर्ट होटल का तीसरा महला पतरा (टीन) द्वारा अवैध रूप से निर्माण किया गया था। अब उस होटल के रिनोवेशन के नाम पर तीसरे मंजिल का पक्का निर्माण किया गया है। जो नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार जिस जमीन पर क्लासिक कंफर्ट होटल का निर्माण किया गया है, वह जमीन सुधाकर शेट्टी का है, जो एक बिल्डर हैं और शैलेश गौड़ा ने उक्त जमीन पर जबरन कब्जा कर अवैध रूप से होटल का निर्माण किया है। जबकि इस बाबत बिल्डर सुधाकर शेट्टी और शैलेश गौड़ा के बीच मामला कोर्ट में चल रहा है।
शिकायत करने व लिखने पर फर्जी केस में फंसाने की धमकी:–
क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक वार्ड क्रमांक 40 व 41 में आये दिन अवैधनिर्माण किया जाता है। यदि अवैध निर्माण के खिलाफ यदि कोई शिकायत करता है तो उसे दिंडोशी व कुरार पुलिस द्वारा फर्जी केस में फंसा दिये जाने की धमकी दी जाती है। जिसकी वजह से कोई शिकायतकर्ता खुलेआम इसके खिलाफ खड़ा नहीं होता है। खुलेआम चल रहे इस अवैध निर्माण के खिलाफ अभी तक मुंबई महानगर पालिका के सभी अधिकारियों को स्थानीय लोगों द्वारा इमेल, व्हाट्सएप और लिखित शिकायतों के माध्यम से अवगत कराया गया था। परंतु मोटी रकम मिलने की वजह से पी-उत्तर विभाग के बिल्डिंग विभाग के महाभ्रष्ट सहायक अभियंता सागर राने, कनिष्ठ अभियंता संजय सोनावने और मुकादम राजन मोरे किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं किया।
स्थानीय विधायक के नाम पर मनपा अधिकारियों को धमकाया जाता है, जिसकी वजह से अधिकारी अवैधनिर्माणों पर कार्रवाई करने से डरते हैं :-
मिली सूत्रों से जानकारी के अनुसार इसके पीछे स्थानीय विधायक का खास कहे जाने वाले शैलेश गौड़ा का हाथ है जो विधायक के पीठ पीछे मनपा अधिकारियों को फोन करके हड़काता है और दबाव बनाता है, जिससे मनपा अधिकारी अवैधनिर्माणों पर कार्रवाई करने से डरते हैं। इसी तरह के दर्जनों बड़े अवैध निर्माण फिल्मसिटी रोड पर देखे जा सकते हैं, जो मुख्य तौर पर क्लासिक कंफ्फर्ट होटल जिसकी शिकायत मनपा , पुलिस व मंत्रालय के उच्च अधिकारियों और मंत्रियों को दी गयी है। इसके बावजूद किसी भी अवैध निर्माण पर आज तक मनपा का बुलडोजर नहीं चल सका है। इसका कारण है कि नीचे से लेकर ऊपर तक सभी अधिकारी गण बिके हुए हैं।
अवैधनिर्माण की शिकायत को लेकर फर्जी केस में फंसाया गया था वरिष्ठ पत्रकार जे. बी. सिंह को:-
जानकारी के मुताबिक फिल्मसिटी रोड पर हो रहे बड़े-बड़े अवैध निर्माण के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार जे.बी.सिंह ने इस मुद्दे को एक साल पहले बड़े मजबूती के साथ उच्च अधिकारियों के सामने संज्ञान में लाया था। लेकिन कुछ भूमाफियाओं, शिवसेना के क्षेत्रीय नेताओं व अवैध ठेकेदारों के दबाव में दिंडोशी पुलिस और मनपा के एक भ्रष्ट सहायक आयुक्त मकरंद दगड़खैर उर्फ महेश पाटिल द्वारा उन्हें बुरी तरह से परेशान किया गया था और झूठे आरोप लगाकर उनके ऊपर एफआईआर भी कराया गया था। यही नहीं उनके 30 साल पुराने घर को भी तोड़ने की नोटिस दे दी गयी थी। जिसका मामला अभी तक दिंडोशी कोर्ट में चल रहा है। इस कथित अवैध निर्माण के द्वारा मनपा के सभी भ्रष्ट अधिकारी करोड़ों की कमाई करके अपनी जेबें भर रहे हैं। परंतु प्रशासन मूक बनकर कान में तेल डालकर बैठी हुई है। अब सवाल यह है कि क्या मनपा आयुक्त व वर्तमान प्रशासक इकबाल सिंह चहल पी-उत्तर विभाग के अंतर्गत चल रहे इस बड़े अवैध निर्माण के स्कैंडल पर रोक लगा पायेंगे ?