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आदिवासियों की आराध्य माता शबरी के बिना रामायण अधूरी है:- मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल 

नवसारी जिला के वांसदा से मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल द्वारा ‘वन सेतु चेतना यात्रा’ का किया गया भव्य शुभारंभ,
 वन सेतु चेतना यात्रा वन्य जीवन और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करेगी:- मुख्यमंत्री 
गुजरात पिछले दो दशकों से प्रधानमंत्री के वनवासी कल्याण के दृष्टिकोण से लाभान्वित हो रहा है:- मुख्यमंत्री
श्यामजी मिश्रा 
नवसारी जिला। राज्य के अंबाजी से उमरगांव तक आदिवासी क्षेत्र को कवर करने वाली ‘वन सेतु चेतना यात्रा’ का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि वनबंधु विश्वबंधु बने, इसलिए राज्य सरकार ने वन बंधु कल्याण योजना-2.0 के अंतर्गत 2023 – 24 के वर्ष में 47,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी विकास की नई परिभाषा लिखने के उद्देश्य से नवसारी, डांग, अरवल्ली, छोटा उदेपुर और महिसागर जिलों में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री और गणमान्य व्यक्तियों ने अत्यंत पौराणिक उनाई माता मंदिर में जाकर माताजी को श्रद्धापूर्वक नमन किया और राज्य के नागरिकों की खुशहाली, समृद्धि और प्रगति के लिए प्रार्थना करके यात्रा शुरू की।
अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के पावन पर्व के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से देशभर के सभी छोटे-बड़े पूजा स्थलों की साफ-सफाई के लिए सार्वभौमिक सफाई अभियान चलाने का आह्वान किया है। वहीं मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के साथ इस अभियान के तहत उनाई माता मंदिर परिसर की साफ-सफाई की। उन्होंने उनाई मंदिर परिसर में 1.76 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले श्री रामजी मंदिर की आधारशिला रखी।
मुख्यमंत्री ने यात्रा की शुरुआत में वन धन विकास, वन लक्ष्मी योजना, स्वामित्व योजना सहित वन विभाग की विभिन्न योजनाओं के लाभ और सहायता चेक वितरित किये। 18 से 22 जनवरी यह पांच दिवसीय वन सेतु चेतना यात्रा 13 जिलों डांग, तापी, सूरत, भरूच, नर्मदा, पंचमहल, छोटाउदेपुर, दाहोद, महिसागर, अरवल्ली, साबरकांठा और बनासकांठा के 51 तालुकाओं से होकर तीन लाख आदिवासी भाई-बहनों को राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धियों के विकास का अवलोकन करायेगी।
वन सेतु चेतना यात्रा में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के वनवासियों के कल्याण के दृष्टिकोण का लाभ पिछले दो दशकों से गुजरात को मिल रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी ने अंबाजी से उमरगाम तक पूर्वी बेल्ट में रहने वाले आदिवासी समुदाय के समग्र विकास के माध्यम से विकास को मुख्यधारा में लाने के लिए वनबंधु कल्याण योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है। मुख्यमंत्री ने दक्षिण गुजरात के डांग जिला और शबरी धाम को आदिवासी अस्मिता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें श्रीराम की उस भूमि पर विकसित होने और बसने का मौका मिला, जिस पर श्रीराम के पवित्र चरण पड़े थे। उन्होंने यह भी कहा कि महाभारत के पौराणिक काल में डांग प्रदेश का उल्लेख दंडकारण्य के नाम से है, मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों की आराध्य मां शबरी के बिना रामायण अधूरी है। शबरीजी का मीठा बोर खाकर भगवान श्रीराम को कुलमाता के प्रेम, स्नेह और करुणा की अनुभूति हुई।
मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने जनजाति के प्रकृति प्रेम और वन्य जीवन के प्रति संवेदनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि आदिवासी समाज वन संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि वन सेतु चेतना यात्रा राज्य के नागरिकों में वन्य जीवन और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करेगी।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य एवं पवित्र उत्सव पूरे देश में विकास की दिवाली की तरह लोक उत्सव के रूप में पूरे देश में मनाया जायेगा।उन्होंने कहा कि इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ही आद्यशक्ति धाम अम्बाजी में वन सेतु चेतना यात्रा सम्पन्न होगी और वह भी वनवासी क्षेत्र में विकास की एक नई ऊर्जा-चेतना जागृत करेगी।
सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि विकास पुरुष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर देश के 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। ‘आदिवासी और श्रीराम’ कभी एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते। क्योंकि, भगवान राम ने 14 वर्ष वनवासी जनजातियों, प्राकृतिक प्राणियों के साथ रहकर कठिन जीवन व्यतीत किया था। अगले 22 तारीख को जब अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक से अपने घर के दरवाजे से अयोध्या में मानसिक उपस्थिति दर्ज कराने की अपील की। इस अवसर वन मंत्री मुणुभाई बेरा, आदिजाति विकास शिक्षा मंत्री डॉ कुबेरभाई डिंडोर, वन पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल ने अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर की प्रकृति व पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। वहीं कार्यक्रम के प्रारंभ में वन संरक्षक संजीव कुमार ने स्वागत भाषण के साथ ही वन सेतु चेतना यात्रा की रूपरेखा बताई।
इस अवसर पर जनजातीय राज्य मंत्री कुँवरजीभाई हलपति, विधानसभा के उप मुख्य दंडक विजयभाई पटेल, सांसद सर्वश्री प्रभुभाई वसावा, डाॅ. के.सी.पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष परेशभाई देसाई, जिला संगठन अध्यक्ष भूराभाई शाह, विधायक अरविंद पटेल, भरत पटेल, गणपतसिंह वसावा, संदीप देसाई, नरेश पटेल, जिला कलेक्टर अमित प्रकाश यादव, जिला विकास अधिकारी पुष्पा लता, जिला पुलिस प्रमुख सुशील अग्रवाल, दक्षिण गुजरात वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सर्वश्री पुनित नायर, आनंद कुमार, डॉ. के. शशिकुमार, एस. मनिश्वर राजा, वांसदा के सरपंचश्री गुलाब पटेल सहित बड़ी संख्या में आदिवासी भाई-बहन उपस्थित थे।

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