शनिवार, १२ अक्टूबर को वर्ली में गूंजेगी राष्ट्रवाद की आवाज
मुंबई / देश बड़ा या कोई राजनीतिक दल ? साफ़ बात बड़ी या ऊहापोह, भ्रम, कुहांसा ? ईमानदारी बड़ी या राजनीतिक झांसे? शनिवार, १२ अक्टूबर को वर्ली विधानसभा का हिंदीभाषी समाज इन सवालों से सीधे रूबरू होने जा रहा है। बातचीत के कई और मुद्दे हैं- २०१६ में पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की गयी तो स्ट्राइक का सबूत माँगनेवाले लोगों के इरादे क्या थे? बालाकोट में भी स्ट्राइक नहीं हुई का बावेला क्यों मचाया गया? या अब धारा ३७० हटाई गयी तो विरोध के लिए कश्मीर के ७० लाख लोगों के मानवाधिकार का सवाल उठाया जा रहा है, किसलिए? इरादा क्या है? इस बातचीत को मंच और नेतृत्व दे रहे हैं हिंदीभाषी समाज के कई जाने-माने व्यक्तित्व -ज्योतिषाचार्य पंडित करुणाशंकर आर मिश्रा, अखंड राजपुताना के महाराष्ट्र अध्यक्ष श्री राम नवल सिंह, श्री रत्नाकर मिश्रा, श्री दिवाकर सिंह, उत्तर भारत युवक समिति के महासचिव श्री धीरेश सिंह, नई ज्योति संस्था के अध्यक्ष श्री प्रशांत त्रिपाठी, श्री रणजीत सिंह, श्री राम आसरे सिंह, श्री घनश्याम सिंह और हिंदीभाषी समाज के कई और गणमान्य लोग।
बातचीत में यह मांग भी उठेगी कि कश्मीरी पंडितों को फिर से कश्मीर में बसाने की प्रक्रिया तेज की जाए। और उनके विस्थापन और उत्पीड़न के लिए जो लोग जिम्मेदार थे उन्हें सजा दी जाए। बातचीत में मुख्य वक्ता होंगे वरिष्ठ हिंदीभाषी नेता श्री कृपाशंकर सिंह। श्री सिंह इन दिनों धारा ३७० हटाने के पक्ष में अभियान चला रहे हैं। और लोगों से राष्ट्रवाद के पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ली विधानसभा से युवा सेना के अध्यक्ष श्री आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं।